डोकलाम विवाद के बीच भारत और चीन की बातचीत
२८ जुलाई २०१७अजीत डोवाल ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने बीजिंग पहुंचे थे. अजीत डोवाल ने कहा कि वैश्विक शांति को बनाए रखने के प्रयास में पांचो देशों के बीच सुरक्षा के मुद्दों पर बातचीत हुई.
शुक्रवार को ब्रिक्स देशों के सुरक्षा सलाहकारों से अलग भारत और चीन के अधिकारियों की अलग से बैठक भी हुई है. हालांकि, अजीत डोवाल और उनके चीनी समकक्ष यांग जिए के बीच हुई इस बातचीत को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. दोनों अधिकारियों के बीच बातचीत का जिक्र तो चीनी विदेश मंत्रालय ने किया है लेकिन उसमें डोकलाम की चर्चा हुई या नहीं इसका ब्यौरा नहीं दिया गया है.
इसी साल जून में भारत और चीन के बीच विवाद की नौबत तब आई जब चीन के नियंत्रण वाले डोकलाम पठार में बन रही एक सड़क को भारतीय सुरक्षाबलों ने रोक दिया. इस इलाके पर भूटान अपना दावा करता है जो भारत का एक सहयोगी देश है. मामला बिगड़ा तो चीन के सैनिकों का दस्ता भी वहां पहुंच गया अब दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे से करीब 300 मीटर की दूरी पर मौजूद हैं और तनाव का असर दिल्ली और बीजिंग तक दिख रह है. चीन भारतीय सैनिकों की वापसी होने तक बातचीत करने से इनकार कर रहा है. हालांकि इसी बीच ब्रिक्स देशों की बैठक के लिए भारतीय सुरक्षा सलाहकार की बीजिंग यात्रा से इस मामले का कुछ हल निकलने की उम्मीद बढ़ी है.
भारत चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर 1962 में युद्ध हुआ था. लेकिन कई सीमाओं को लेकर आज भी दोनों देशों के बीच मतभेद बने हुए हैं. हालांकि, स्थिति को बेहतर करने के लिए दोनों देश लगातार द्वीपक्षीय वार्ताएं करते रहे हैं.
ब्रिक्स को संबोधित करते हुए शी ने कहा, "हमारे साझा विश्वास और सुरक्षा सहयोग को बेहतर करने के लिए सभी ने बहुत अच्छा काम किया है. मैं सभी की प्रयासों का धन्यवाद करता हूं." चीन इस साल ब्रिक्स समूह की अध्यक्षता कर रहा है.
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स सहयोग का पहला मकसद अपने पहले दशक में आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है. लेकिन जटिल अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक सुरक्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी देशों को लोगों से संपर्क, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समन्वय के साथ सहयोग बढ़ाना चाहिए.
भारतीय सुरक्षा सलाहकार डोवाल ने कहा कि ब्रिक्स देशों को क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के कूटनीतिक मुद्दों पर नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए, खासतौर से उन क्षेत्रों में जहां उनकी समान राय है. हालांकि अजीत डोवाल ने ब्रिक्स सम्मेलन के बाद कहा कि उनकी मुलाकात मोटे तौर पर आर्थिक और व्यापार संबंधी मुद्दों पर केंद्रित थी.
इस मामले में चीन ने मांग की थी कि किसी भी बातचीत से पहले भारत डोकमाल से अपनी सेना हटाए. हालांकि, इस बातचीत को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था और उम्मीद की जा रही थी कि इस मुकालात से भारत चीन विवाद पर कोई समझौता हो सकता है.
एसएस/एनआर(एपी, पीटीआई)