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ट्रिपल एजेंट था जॉर्डन का बलावी!

५ जनवरी २०१०

अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए के ठिकाने पर विस्फोट में आठ लोगों की जान लेने वाला आत्मघाती हमलावर अल क़ायदा का ट्रिपल एजेंट था. ये बात अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों मे अब सामने आ रही है.

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तस्वीर: DPA

जॉर्डन का ये शख़्स एक साल पहले गिरफ़्तार किया गया था. फिर मान लिया गया कि वह सुधर गया है और जॉर्डन के ख़ुफ़िया अधिकारियों ने उसे अल क़ायदा के ख़िलाफ़ एक ख़ास मिशन पर अफ़ग़ानिस्तान भेज दिया था. वहां उसने जो किया उससे अमेरिका और जॉर्डन के अधिकारी झटका खा गए.

दुनिया की सबसे तेज़ तर्रार और शातिर समझी जाने वाली ख़ुफ़िया एजेंसियों में मानी जाती है अमेरिका की सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी यानी सीआईए. लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में उसके मिशन को एक ऐसा झटका मिला है जिसके घाव वह शायद ही कभी भुला पाएगी. जॉर्डन का 36 साल का डॉक्टर ख़लील अबु मुलाल अल बलावी भेजा गया था अफ़ग़ानिस्तान. काम था अल क़ायदा के नंबर दो अल जवाहिरी की तलाश का. माना जाता था कि बलावी अल क़ायदा के लिए काम करता रहा था. और सीआईए उसे डबल एजेंट के रूप में अल क़ायदा की मांद में भेजना चाहती थी. सीआईए के इस काम में मदद कर रही थी जॉर्डन की ख़ुफ़िया सेवाएं. आतंकवाद के ख़िलाफ़ अमेरिका की अगुवाई में लड़ाई के नारे के साथ जॉर्डन भी शामिल है. अफ़ग़ान मिशन में भी वह मदद पूरी कर रहा है लेकिन घोषित तौर पर नहीं.

बलावी के अल क़ायदा से रिश्तों के बाद दिसंबर 2007 में उसे जॉर्डन मे गिरफ़्तार कर लिया गया था. आतंकी नेटवर्क को उसकी मदद का तरीका था लोगों को जिहाद के लिए तैयार करना, इस बारे में लेख आदि लिखना. जॉर्डन में गिरफ़्तारी के बाद वहां के अधिकारियों ने सीआईए को भरोसा दिलाया कि बलावी को तोड़ दिया गया है यानी अब वह अल क़ायदा के ख़िलाफ़ अधिकारियों की मदद करेगा.

इस यक़ीन के बाद उसे अफ़ग़ानिस्तान भेजा गया. एक दिन बलावी ने अपने साथ भेजे गए जॉर्डन के जासूस कैप्टन अली बिन ज़ाइद से कहा कि उसे अल जवाहिरी के ठिकाने के बारे मे कुछ सूचना मिली जो वह सीआईए अधिकारियों को बताना चाहता है. उसका इरादा अफ़गा़निस्तान में सीआईए के ठिकाने तक पहुंचने का था. कैप्टन ज़ाइद बलावी के झांसे में आ गए. और बलावी को अपने साथ खोस्त ले गए. पाकिस्तान सीमा के पास सीआईए के इस ठिकाने पर जैसे ही दोनों पहुंचे बलावी ने ख़ुद को विस्फोट से उड़ा दिया. सीआईए के सात अधिकारी और कैप्टन ज़ाइद विस्फोट में मारे गए. छह लोग घायल हुए.

जॉर्डन और सीआईए के लिए ये काटो तो ख़ून नहीं वाली हालत थी. बलावी के इतने बड़े धोखे के बाद जॉर्डन के अधिकारी लाजवाब हो गए और सीआईए और सतर्क. कुछ अपुष्ट खु़फ़िया सूचनाओं में तो यहां तक कहा जा रहा है कि अल जवाहिरी ने ही बलावी को सीआईए के ठिकाने में जाकर आत्मघाती विस्फो़ट करने का आदेश दिया था. अमेरिकी मीडिया में ट्रिपल एजेंट बलावी की करतूत के बारे में अब रिपोर्टे आ रही हैं तो खुफ़िया सिस्टम और उसकी कमज़ोरियों पर भी सवाल उठ रहे हैं. अधिकारी फ़िलहाल इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस जोशी

संपादन: ए कुमार