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ट्रक के इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम ने बचाई दर्जनों जानें

३० दिसम्बर २०१६

बर्लिन के क्रिसमस बाजार पर हुए ट्रक हमले में दर्जनों लोगों को मौत हो सकती थी. लेकिन ट्रक में लगे ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम ने 70 मीटर बाद ट्रक को जाम कर दिया.

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Deutschland Anschlag mit LKW auf Weihnachtsmarkt in Berlin
तस्वीर: Reuters/H. Hanschke

 

तेज रफ्तार से क्रिसमस बाजार में घुसाया गया ट्रक, लोगों को कुचलता और दुकानों को तोड़ता आगे बढ़ रहा था. उसमें सवार आतंकी ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना चाहता था. लेकिन 70 मीटर तक कोहराम मचाने के बाद ट्रक का ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम एक्टिव हो गया. ब्रेकिंग सिस्टम को लगा कि ट्रक की टक्कर हो चुकी है. इंजन के साथ अटैच कंप्यूटर ने इमरजेंसी का अंदाजा लगाया और ट्रक को रोक दिया.

2012 में यूरोपीय संघ ने 35 क्विंटल से ज्यादा वजन वाले ट्रकों में एडवांस्ड इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया था. यह सिस्टम पहले ड्राइवर को चेतावनी देता है. अगर ड्राइवर चेतावनी को नजरअंदाज करे तो कंप्यूटर ट्रक को खुद रोक देता है. असल में यह सिस्टम हाइवे पर ट्रकों की टक्कर टालने के लिए लगवाया गया. अक्सर लंबे सफर के दौरान कभी कभी ट्रक ड्राइवरों को नींद की झपकी आ जाती है और ट्रक दूसरे वाहनों से भिड़ जाते हैं. ऐसे हादसों को रोकने के लिए ही एडवांस्ड इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू किया गया.

क्रिसमस बाजार पर हुए ट्रक हमले की जांच करने वाले एक अधिकारी ने जर्मन मीडिया को बताया कि स्कैनिया R450 सेमी-ट्रेलर 70 से 80 मीटर के बीच रुक गया. टक्कर का अंदाजा होने के बाद ट्रक का ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम एक्टिव हो गया.

पहले माना जा रहा था कि ट्रक में सवार पोलैंड के ड्राइवर ने आतंकी अनीस आमरी के साथ संघर्ष किया और ट्रक को रोक दिया. लेकिन पोस्टमार्टम में पता चला कि ट्रक ड्राइवर की मौत तो हमले से कुछ घंटे पहले ही हो चुकी थी. जांचकर्ताओं को शक है कि ट्रक अगवा करते वक्त ही आमरी ने ट्रक ड्राइवर की हत्या की. आमरी शरणार्थी के तौर पर ट्यूनीशिया से यूरोप आया था. स्थानीय मीडिया के मुताबिक हमले से ठीक पहले आमरी ने एक सेल्फी ली और भाई को भेजी. उस पर लिखा था, "मेरे लिये दुआ करना भाई." हमले के कुछ घंटे बाद इस्लामिक स्टेट ने इसकी जिम्मेदारी ली.

हमले के बाद वह हॉलैंड होता हुआ इटली भाग गया. इटली के मिलान शहर में जांच के दौरान उसका पुलिस से सामना हुआ. दोनों तरफ से गोलियां चलीं और आमरी मारा गया.

ओएसजे/वीके (एएफपी, डीपीए)