1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

टैमीफ़्लू की अवैध बिक्री पर कड़ी चेतावनी

१३ अगस्त २००९

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क की जमाखोरी और टैमीफ़्लू दवाई की अवैध बिक्री के ख़िलाफ़ चेतावनी दी. भारत में एच1एन1 वायरस से मरने वालों की संख्या 17 हो गई है.

https://p.dw.com/p/J8g7
मास्क हर वक़्त पहनना ज़रूरी नहीं: स्वास्थ्य विभागतस्वीर: AP

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेहरे पर लगाए जाने वाले मास्क की जमाखोरी करने वालों और अवैध तरीक़े से एंटी इंफ़्लुएंज़ा टेबलेट्स टैमीफ़्लू बेचने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. मंत्रालय ने प्राइवेट लैब्स को भी दिशानिर्देश जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा मानकों पर खरा उतरने वाली लैब्स को ही स्वाइन फ़्लू परीक्षण करने की अनुमति दी जा सकेगी.

BdT Schweinegrippe in Indien
महाराष्ट्र में क़हरतस्वीर: AP

दिल्ली में स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि हर किसी को एन-95 मास्क पहनने की ज़रूरत नहीं है. इसे तभी पहना जाना चाहिए जब कोई एच1एन1 वायरस से पीड़ित हो या परीक्षण केंद्र जा रहा हो. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि भीड़-भा़ड़ वाले स्थानों पर जाने से बचा जाना चाहिए

3 अगस्त को पुणे में रिदा शेख़ स्वाइन फ़्लू का शिकार बनी थी और उसके बाद यह पहली बार है जब एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं. महाराष्ट्र में स्वाइन फ़्लू से कई मौतें होने के बाद प्रशासन ने स्कूल कॉलेजों और अन्य सार्वजनिक स्थलों को एक हफ़्ते के लिए बंद रखने का आदेश दिया है. पांच लोगों की मौत पुणे में हुई और एक व्यक्ति नाशिक में इस बीमारी का शिकार बना.

अब तक महाराष्ट्र में 13 लोग स्वाइन फ़्लू बीमारी का शिकार बने हैं. इनमें 10 लोग पुणे में, दो मुंबई में और एक मौत नाशिक में हुई है. इसके अलावा अहमदाबाद, वड़ोदरा, चेन्नई और तिरूवनन्तपुरम में भी एक-एक मौत हुई है.

बुधवार को स्वाइन फ़्लू के 115 नए मामले दर्ज किए गए. इनमें 61 पुणे में, 24 मुंबई में, 10 बैंगलोर में, 8 दिल्ली में, चार अहमदाबाद में, तीन कोलकाता और हैदराबाद और एक मामला शिलॉन्ग और गोवा में सामने आया है. यानि स्वाइन फ़्लू के प्रकोप में अभी कमी नहीं आई है और अब तक देश भर में 1,193 व्यक्ति एच1एन1 वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि इनमें से बड़ी संख्या में लोग ठीक हो चुके हैं और 588 लोगों का इलाज किया जा रहा है.

इस बीमारी से मुक़ाबले के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अपनी रणनीति में भी बदलाव करने का फ़ैसला लिया है और अब इलाज की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. पहले स्वाइन फ़्लू परीक्षण के बाद ही टैमीफ़्लू टेबलेट्स मरीज़ को दी जाती थी लेकिन अब प्रारंभिक अवस्था में इसे मरीज़ को देने का निर्णय ले लिया गया है. सरकारी अस्पतालों पर भार बढ़ने के चलते मुंबई में 22 प्राइवेट अस्पतालों और पुणे में 9 प्राइवेट अस्पताल स्वाइन फ़्लू के लिए इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए आगे आए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एस जोशी