1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

टीवी पर कत्ल, दर्शक ढूंढेंगे कातिल

२१ अप्रैल २०११

जर्मन टीवी पर शुरू हुआ एक नया जासूसी शो. पर जासूस का काम मिला है जनता को. दर्शक मर्डर मिस्ट्री खुद ही सुलझाएंगे. सुराग ढूंढने के लिए जाना होगा इंटरनेट पर.

https://p.dw.com/p/111Zj
Wettkandidat Samuel Koch wird am Samstag (04.12.10) in Duesseldorf bei der ZDF-Sendung "Wetten, dass..?" nach seinem Sprung mit Springschuhen ueber ein Auto schwer verletzt am Bodenliegend notaerztlich versorgt, waehrend im Vordergrund die Moderatoren Thomas Gottschalk (Mitte r.) und Michelle Hunziker (2.v.r.) stehen. Nach dem Unfall wurde die Sendung abgebrochen. Der 23-Jährige hatte gewettet, mit Hilfe der Sprungfedern innerhalb von vier Minuten über fünf fahrende Autos springen zu können. Welche Verletzungen der Kandidat habe, könne nach Angaben von Moderator Gottschalk erst die medizinische Untersuchung klären. Foto: Hermann J. Knippertz dpa/lnw
तस्वीर: picture-alliance/dpa

टीवी पर जासूसी शो किसी भी देश के लिए नये नहीं हैं. 90 के दशक में ब्योमकेश बक्शी भारत में बेहद लोकप्रिय रहा. जर्मनी में भी इस तरह के शो हिट साबित हुए हैं. लेकिन अब मॉडर्न हाइ-टेक जमाने में इनका अंदाज बदल रहा है. जर्मनी के जेडडीएफ चैनल ने जासूसी शो को इंटरैक्टिव बना दिया है. यानी आप केवल टीवी पर कत्ल होता हुआ ही नहीं देखेंगे, बल्कि उसकी गुत्थी भी आप ही सुलझाएंगे.

टीवी पर मर्डर मिस्ट्री

बुधवार को यह शो शुरू हुआ. वेयर रेटेट डीना फॉक्स यानी डीना फॉक्स को कौन बचाएगा नाम के इस शो में दिखाया जा रहा है कि किस तरह से डीना फॉक्स नाम की लड़की पर अपने बॉयफ्रेंड वास्को के कत्ल का इल्जाम लगता है. लेकिन डीना बेकसूर है, उसे एक साजिश के तहत फसाया गया है. दरअसल वास्को को एक कांड के बारे में पता चल जाता है, इसीलिए उसे रास्ते से हटा दिया जाता है.

टीवी पर शो देखने के बाद दर्शक इंटरनेट पर जा कर अपनी राय दे सकते हैं और बता सकते हैं कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है कि डीना बेकसूर है. शो के बारे में जेडडीएफ के संपादक बुर्कहार्ड आल्टहोफ बताते हैं, "पहले 50 मिनट का जासूसी शो टीवी पर दिखाया जाएगा, जो एक रोमांचक मोड़ पर आ कर खत्म हो जाएगा. इसके आगे हमने एक इंटरैक्टिव तरीका अपनाया है. दर्शक इंटरनेट पर जा कर कत्ल की पहेली सुलझा सकते हैं."

इंटरनेट पर सुराग

इस तरह से जेडडीएफ टीवी और इंटरनेट को एक साथ लाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि यह कोशिश नई नहीं है. इससे पहले 2007 में स्वीडन के एक टीवी चैनल ने "द ट्रुथ अबाउट मरीका" नाम के शो में भी ऐसा ही कुछ किया था. लेकिन इस बार यू ट्यूब और फेसबुक की भी मदद ली जा रही है. चैनल इन वेबसाइटों पर तरह तरह के वीडियो, तस्वीरें और पहेलियां डालेगा. तीन हफ्तों तक दर्शक इन में हिस्सा ले सकते हैं. इसमें कम्यूनिटी गेमिंग का भी सहारा लिया गया है. जैसे लोग इंटरनेट पर अनजान लोगों के साथ गेम्स खेलते हैं, यहां आप अनजान लोगों के साथ मिल कर पहेलियां सुलझा सकेंगे.

डेटा प्राइवसी की जानकारी

चैनल का मानना है कि इन तरीकों से लोगों में डेटा प्राइवसी को ले कर जागरूकता फैलेगी. जेडडीएफ की संपादक मिलना बोनसे कहती हैं, "हम लोगों को डेटा प्राइवसी के बारे सिखाना चाहते हैं. हमने सोच समझ कर एक काल्पनिक किरदार बनाया है. हां, यह बस एक शो है, लेकिन लोग इस से बहुत कुछ सीख सकते हैं." हालांकि शो आधी रात को टीवी पर दिखाया जा रहा है.

सवाल यह उठता है कि जल्दी सो जाने वाले जर्मन लोगों में कितने ऐसे होंगे जो आधी रात तक इसे देखने का इंतजार करेंगे. और फिर डेटा प्राइवसी की जानकारी पाने के लिए इंटरनेट पर भी जाएंगे! चैनल ने भले ही एक रोमांचक तरीके का इस्तेमाल किया है, लेकिन शो का इतनी देर से प्रसारित होना शायद यही दिखाता है कि चैनल को खुद ही इस पर इतना भरोसा नहीं है.

रिपोर्ट: क्रिस्टोफ रिकिंग/ईशा भाटिया

संपादन: वी कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी