टाटा स्टील और थिसेन क्रुप के विलय का रास्ता साफ
६ फ़रवरी २०१८ट्रेड यूनियन ने विलय के सिलसिले में थिसेन क्रुप कंपनी के साथ हुए श्रमिक समझौते पर सदस्यों से राय मांगी थी. 20,700 सदस्यों में से 92 .2 प्रतिशत ने श्रमिक समझौते का समर्थन किया और टाटा के साथ कंपनी के विलय का रास्ता साफ कर दिया. इस समझौते में अन्य बातों के अलावा 2026 तक नौकरी की सुरक्षा और कंपनी को बंद न करने की गारंटी हैं. आम तौर पर कंपनियों की खरीदार प्रतिद्वंद्वी होते हैं और विलय के कुछ समय बाद कंपनी को बंद कर देने का खतरा बना रहता है.
थिसेन क्रुप अपनी यूरोपीय स्टील कंपनियों को टाटा स्टील के साथ विलय कर आर्सेलोरमित्तल के बाद यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक बनना चाहता है. लेकिन थिसेन क्रुप कंपनियों के कर्मचारी और वहां सक्रिय ट्रेड यूनियन इस संयुक्त उद्यम के पक्ष में नहीं थे. उनके बड़े पैमाने पर छंटनियों का डर था. दिसंबर में हुए श्रमिक समझौते का लक्ष्य उन चिंताओं को दूर करना था.
अब मतदान के बाद धातु ट्रेड यूनियन आईजीएम ने कहा है कि 71 प्रतिशत की भागीदारी और समझौते को कंपनी के सभी 13 ठिकानों पर स्वीकार किए जाने के बाद सारी शर्तें पूरी हो गई हैं. ट्रेड यूनियन का कहना है कि उन्हें कर्मचारियों को चिंतित कर रहे मुद्दों का हल निकालने में कामयाबी मिली है. थिसेन क्रुप के अधिकारियों का कहना है कि इस नतीजे के साथ कर्मचारियों ने भविष्य के लिए अच्छी संभावनाएं पैदा की हैं. थिसेन क्रुप के अनुसार इस समय टाटा स्टील भी अपने ट्रेड यूनियम प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त उद्यम पर बातचीत कर रहा है.
ट्रेड यूनियन आईजीएम ने साफ किया है कि कर्मचारियों ने श्रमिक समझौते पर फैसला सुनाया है न कि कंपनी के विलय पर. विलय का फैसला कंपनी की निगरानी समिति में ही होगा. वहां अपनाए जाने वाले रवैये का फैसला ट्रेड यूनियम के प्रतिनिधि आर्थिक रिपोर्ट आने के बाद लेंगे. थिसेन क्रुप इस साल के अंत का विलय की प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश कर रही है.
एमजे/ओएसजे (एएफपी)