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झारखंड में जागरूकता फैलाने गई 5 लड़कियों से गैंग रेप

विनम्रता चतुर्वेदी
२२ जून २०१८

नक्सल प्रभावित इलाके में दर्जनभर आरोपियों पर मानव तस्करी और पलायन पर जागरुकता फैलाने गई लड़कियों से गैंग रेप के आरोप हैं. 2012 में निर्भयाकांड के बाद भारत की बड़ी बदनामी हुई थी, लेकिन स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं आया है.

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Indien Protest gegen Vergewaltigung
तस्वीर: AFP/Getty Images/S. Hussain

झारखंड की राजधानी रांची के करीब 40 किलोमीटर दूर खूंटी जिले में 5 नाबालिग लड़कियों से गैंग रेप की घटना सामने आई है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ये लड़कियां आशा किरण नामक एनजीओ से जुड़ी हुई थीं और एक जागरूकता कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक पेश करने जा रही थीं. इसी दौरान दर्जन भर लोगों ने उन पर हमला किया और बंदूक की नोक पर उनका अपहरण कर उनके साथ गैंग रेप किया.

घटना सोमवार की है और पीड़ित लड़कियों ने इसके बारे में अगले दिन एक सामाजिक कार्यकर्ता को बताया. आरोप है कि मंगलवार को पुलिस ने केस दर्ज करने से इनकार कर दिया. इसके बाद एनजीओ ने पुलिस मुख्यालय में शिकायत की. आला अधिकारियों तक मामला पहुंचते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. पुलिस अफसरों का कहना है कि आशा किरण एनजीओ स्थानीय ईसाई मिशनरी ग्रुप से जुड़ा हुआ था.

 

बस, अब बहुत हुआ!

गैंग रेप का वीडियो बनाया

नक्सल प्रभावित खूंटी में ये लड़कियां मानव तस्करी और पलायन को लेकर जागरूकता फैलाने जा रही थीं. आरोप है कि जब अभियुक्तों ने गैंग रेप का वीडियो भी बनाया और धमकाया कि अगर वे पुलिस के पास गईं तो वीडियो को पब्लिक कर दिया जाएगा.

Deutsches Konsulat Kolkata Projekt
तस्वीर: German Consulate, Kolkata

बुधवार को रांची के डिप्टी कमिश्नर और एसपी खुंटी थाना पहुंचे और खुद मामले की पड़ताल की. रांची जोन के डीआईजी अमोल वेणुकांत भी खूंटी थाना पहुंचे. खूंटी के एसपी अश्विनी कुमार सिंहा ने कहा है कि पूरी बात का पता विस्तृत जांच के बाद ही लग सकेगा. फिलहाल 9 लोगों को अरेस्ट किया गया है और पीड़ित लड़कियों की मेडिकल जांच की रिपोर्ट आनी बाकी है.

 रेप के आरोप में हर 4 घंटे में एक नाबालिग गिरफ्तार

कार्यकर्ताओं की सुरक्षा

इस घटना ने ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. रमन मैगसेसे अवॉर्ड से सम्मानित ´गूंज´ नामक एनजीओ के अंशु गुप्ता ने घटना को रोंगटे खड़ा कर देने वाला बताया है. डॉयचे वेले से बातचीत में गुप्ता ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में ये लड़कियां चाहे किसी एनजीओ से जुड़ी रही हो या अपनी इच्छा से जागरूकता फैला रही हो, घटना की जितनी आलोचना की जाए कम है. 

Indien Geschichte von Asifa Bano
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Kakade

अंशु गुप्ता मानते हैं कि देहाती इलाकों में कार्यकर्ताओं का स्थानीय सत्ता संरचना से टकराव होता है. अकसर जागरुकता वाले मुद्दे स्थानीय निहितों स्वार्थों के खिलाफ होते हैं. लेकिन बलात्कार जैसी स्थिति के लिए न्याय देने की प्रक्रिया में कमजोरी को जिम्मेदार मानते हैं. वे कहते हैं, "हम अब तक निर्भयाकांड के दोषियों को ही सजा नहीं दे पाए जो हमारे पंगु समाज और कानून पर सवाल उठाता है. यही वजह है कि ऐसी घटनाएं हो रही है और असामाजिक तत्वों की हिम्मत बढ़ती जा रही है." फांसी की सजा से कौन बलात्कारी डरता है

नक्सल प्रभावित क्षेत्र है खूंटी

यह इलाका पत्थलगढ़ी क्षेत्र में आता है जो आदिवासियों की सत्ता की वकालत करती है. इसके समर्थक किसी बाहरी को इलाके में नहीं आने देते हैं. खूंटी में नक्सलियों का प्रभाव है और यहां जंगल-जमीन की लड़ाई दशकों से चली आ रही है. 

बदायूं बलात्कार कांड

2012 के निर्भया कांड के बाद वैश्किक स्तर पर देश में महिलाओं की स्थिति को लेकर भारत की छवि धूमिल हुई है, लेकिन बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है. 2012 से 2016 के बीच करीब 39 हजार रेप के मामले सामने आए हैं.

(एएफपी)