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जैक्सन की ख्याति, जूरी चयन में बाधा

१२ सितम्बर २०११

जीते जी तो संगीत सम्राट माइकल जैक्सन सुर्खियों में रहे ही, मरने के बाद भी वे सुर्खियों से हट नहीं पा रहे हैं. जैक्सन के डॉक्टर के खिलाफ गैरइरादतन हत्या के मुकदमे में जूरी सदस्य खोजने में मुश्किल हो रही है.

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तस्वीर: AP

जब अदालत में जज ने लोगों से पूछा कि क्या उनमें कोई ऐसा है जो सुपर स्टार की मौत से जुड़े केस के बारे में नहीं जानता. ऐसा कोई नहीं था. इससे जज को कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि उन्हें पता था कि ऐसे आदमी को ढूंढने के लिए दुनिया से बाहर जाना होगा जिसने जैक्सन का नाम या डा. कोनराड मरे के खिलाफ नरहत्या वाले केस के बारे में न सुना हो. सुपीरियर कोर्ट के जज माइकल पैस्टर ने एक गुट से कहा, "हमने उम्मीद नहीं की थी कि आप पिछले सालों से गुफा के अंदर रह रहे होंगे या आप मंगल द्वीप से आए हो."

आसान नहीं जूरी का चयन

माइकल जैक्सन के डॉक्टर के खिलाफ होने वाले मुकदमे के लिए जूरी को चुनना आसान नहीं रहा है. इस साल के आरंभ में मुकदमे की शुरुआत के लिए बुलाए गए संभावित जूरी सदस्यों में सभी लोग केस के बारे में जानते थे. तीन दिन की स्क्रीनिंग के बाद सिर्फ एक व्यक्ति था जिसने केस के बारे में नहीं सुना था, लेकिन उसे अंग्रेजी नहीं आती थी.

Conrad Murray
तस्वीर: AP

जैक्सन या मरे के खिलाफ मुकदमे के बारे में जानकारी होना जूरी का सदस्य बनने में कोई बाधा नहीं है. लेकिन मरे के खिलाफ मुकदमे की अध्यक्षता कर रहे जज ने कहा है कि वे जूरी में ऐसे सदस्य चाहते हैं जो अपनी जानकारी को दरकिनार सिर्फ अदालत में प्राप्त सूचनाओं के आधार पर डॉक्टर के भविष्य के बारे में फैसला ले सकें. लोयोला लॉ स्कूल के प्रो. स्टैन गोल्डमैन ने कहा, "यदि आपको 12 ऐसे लोग मिल जाएं जिंहोंने माइकल जैक्सन के बारे में कभी नहीं सुना है, फिर भी मैं आश्वस्त नहीं हूं कि वे जूरी सर्विस के लिए क्वालिफाई करेंगे."

डॉक्टर के खिलाफ आरोप

जून 2009 में माइकल जैक्सन की मौत के बाद इस मामले और सात महीने बाद डा. मरे के खिलाफ गैरइरादतन हत्या के आरोप पर हजारों रिपोर्टें लिखी गई हैं और ब्रॉडकास्ट हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि ह्यूस्टन स्थित कार्डियोलॉजिस्ट ने जैक्सन को प्रोपोफोल की जानलेवा खुराक दी जबकि मरे और उनके वकील किसी अपराध से इनकार करते हैं.

अभियोक्ता पक्ष की दलील है कि मरे का व्यवहार इलाज के मानकों से परे था. जज पैस्टर ने जूरी के विवेक में पूरी उम्मीद जताई है और कहा है कि उन्हें 145 संभावित लोगों में से जूरी को चुनने की उम्मीद है. फौजदारी मामलों के विशेषज्ञ गोल्डमैन का कहना है कि यह मामला दूसरे हाई प्रोफाइल मामलों से ज्यादा मुश्किल नहीं होगा, जिसमें जूरी को चुनने में कुछ दिन या सप्ताह लगेंगे.

अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों के पास अब दो सप्ताह का समय है जिसमें वे संभावित उम्मीदवारों से किए गए 113 सवालों वाले सर्वे का मूल्यांकन करेंगे, जिसके बाद भावी जूरी सदस्यों से सीधे पूछताछ की जाएगी. आम तौर पर लीगल टीम पक्ष वाले जूरी सदस्यों के चयन के लिए जूरी कंसलटेंटों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये साफ नहीं है कि तंगी का सामना कर रहे मरे कंसलटेंट्स की सेवा लेंगे या नहीं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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