जी20 से पहले अमेरिका और जर्मनी में भारी मतभेद
२९ जून २०१७जुलाई में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से पहले जर्मन संसद में बोलते हुए चांसलर मैर्केल ने पेरिस जलवायु समझौते के बारे में कहा, "पेरिस संधि अपरिवर्तनीय है. उस पर सौदेबाजी नहीं होगी." चांसलर ने अलग थलग होने और संरक्षणवाद के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और आप्रवासन के कारणों से संघर्ष राष्ट्रीय सीमा पर नहीं रुकते हैं. उन्होंने कहा, "जो समझता है कि विश्व की समस्याएं अलग थलग होकर या संरक्षणवाद से सुलझायी जा सकती है, वह भारी भूल कर रहा है."
हैम्बर्ग में होने वाले जी20 सम्मेलन की ओर इशारा करते हुए चांसलर ने कहा, "सिर्फ मिलजुलकर ही हम कोई बदलाव ला सकते हैं." उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन के बयान में मल्टीलैटरलिज्म को मजबूत करने का विचार लाल धागे की तरह शामिल है. "सिर्फ साथ मिलकर ही हमें हमारे समय की केंद्रीय समस्याओं का हल ढूंढने में मदद मिलेगी."
जुलाई के पहले हफ्ते में दुनिया की 20 सबसे बड़ी आर्थिक ताकतें, जिनमें पश्चिमी औद्योगिक देशों के अलावा बड़ी आबादी वाले विकासमान देश भी शामिल हैं, हैम्बर्ग में मिल रहे हैं. सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय व्यापार, पर्यावरण नीति और आप्रवासन पर गंभीर बहस होने की उम्मीद है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की पेरिस जलवायु संधि से बाहर निकलने की घोषणा के बाद पश्चिमी देश बंट गये हैं. विदेश व्यापार और आप्रवासन के मुद्दे पर भी ट्रंप अलग रवैया अख्तियार कर रहे हैं. मैर्केल ने कहा कि ट्रंप के जलवायु संधि छोड़ने के बाद जी20 शिखर सम्मेलन में बातचीत आसान होने की उम्मीद नहीं है.
मैर्केल ने कहा कि वे इस बहस के बारे में तो कुछ नहीं कह सकतीं, लेकिन वह खुद वार्ता का नेतृत्व ऐसे करेंगी जो पेरिस समझौते के लक्ष्यों की सेवा करे. जलवायु समझौता 2015 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ था. इसे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष में मील का पत्थर माना जा रहा था, जिसका लक्ष्य धरती के गर्म होने को औद्योगिक काल के मुकाबले 2 डिग्री से कम रखना था. चांसलर ने साफ किया कि यूरोपीय संघ पूरी तरह इस संधि के साथ है.
एमजे/आरपी (एएफपी, डीपीए)