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जी-7: सीरिया, रूस के साथ अमेरिकी रणनीति पर हो सकती है चर्चा

१० अप्रैल २०१७

जी-7 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में सीरिया पर अमेरिकी हमले और रूस की भूमिका जैसे मसलों पर चर्चा होगी. साथ ही उत्तर कोरिया पर बढ़ रहे विवाद को भी बातचीत के एजेंडा में शामिल किया गया है.

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Syrien Bürgerkrieg Aleppo Wandbild Assad
तस्वीर: Reuters/M. Hasano

इटली के लुका शहर में होने वाली जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक, सीरिया में चल रहे संघर्ष, रूस और पश्चिमी देशों के बीच जारी उथल-पुथल और तनाव पर केंद्रित रह सकती है. हाल ही में अमेरिका ने सीरियाई सेना पर हमला किया था. जिसके बाद से वॉशिंगटन की रणनीति पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. यूरोपीय संघ और ब्रिटेन दोनों ही अमेरिका के समर्थन में जरूर आये हैं. लेकिन अमेरिकी उच्च अधिकारियों के अलग-अलग बयानों ने दुनिया भर के नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर अमेरिका चाहता क्या है और इसकी प्राथमिकता क्या है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना के खिलाफ किये गये हमले पर टिप्पणी की थी. इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के उच्च अधिकारी (दूत) ने भी इस हमले पर टिप्पणी की, लेकिन इन दोनों ही की बातों में भारी अंतर नजर आया.

अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा कि वॉशिंगटन की प्राथमिकता अब भी इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी समूह का खात्मा करना है और इसके बाद सरकार और विपक्षी दल के बीच युद्ध विराम जैसे समझौतों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा. वहीं संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने एक इंटरव्यू में कहा कि सीरिया में शांति बहाली के लिये असद को हटाने की आवश्यकता है.

रूस की भूमिका 

जी-7 बैठक में रूस पर भी दबाव बनाया जायेगा. सीरिया की असद सरकार को समर्थन देने के चलते रूस की पहले भी आलोचना होती रही है. मॉस्को ने पिछले हफ्ते सीरिया पर किये गये अमेरिकी हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया था. वहीं टिलरसन ने रूस से सीरिया से रासायनिक हथियारों को हटाने की अपनी प्रतिबद्धता के पालन की बात कही. टिलरसन ने कहा कि असली विफलता तो रूस की है, जो साल 2013 में रासायनिक हथियारों के समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में असफल नजर आ रहा है. अमेरिका के अलावा अन्य यूरोपीय साझेदार भी रूस पर दबाव बना रहे हैं.

अजेंडे में उत्तर कोरिया

जी-7 बैठक में उत्तर कोरियाई मिसाइल प्रोग्राम पर भी चर्चा की जायेगी. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की उत्तर कोरिया पर टिप्पणी के बाद से कोरियाई प्रायद्वीप में तनातनी बढ़ गई है. ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका, उत्तर कोरिया पर चीन के साथ या चीन के बिना भी कार्रवाई पर सकता है.

यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि भी जी-7 देशों की इस बैठक में हिस्सा लेंगे. जी-7 में अभी ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं. पहले यह समूह जी-8 हुआ करता था लेकिन साल 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद रूस को समूह से हटा दिया गया. इसके बाद से यह समूह जी-8 से जी-7 हो गया.

एए/आरपी (डीपीए,रॉयटर्स)