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जापान में सूनामी का खतरा टला

७ दिसम्बर २०१२

चेतावनी हटाने के साथ ही जापान में सूनामी का खतरा टल गया है. 7.3 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद समुद्र की लहरें धरती पर टकराई थीं. एक मीटर ऊंची लहरें इशिनोमाकी से भीतर घुसीं. भूंकप के बाद इलाके की टेलीफोन सेवा बंद.

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तस्वीर: Shaun Tandon/AFP/Getty Images

बीते साल भी सूनामी की मार झेलने वाले इशिनोमाकी में शुक्रवार शाम फिर अफरा तफरी फैल गई. शक्तिशाली भूकंप के बाद सूनामी के चेतावनी जारी की गई. आम लोगों को राहत और बचाव अधिकारियों ने आपातकाल जैसी स्थिति में सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया.

हालांकि बाद में जापान के मौसम विभाग ने सूनामी की चेतावनी हटा ली. सरकारी प्रसारक एनएचके ने इस हवाले से रिपोर्ट दी है. भूकंप के झटके राजधानी टोक्यो तक महसूस किए गए थे.

भूंकप के केंद्र से 10 किलोमीटर दूर शाम छह बजे के करीब एक मीटर ऊंची लहरें तटों को पार करती हुई द्वीप के भीतर घुसी गईं. अब तक जान माल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं है. मिनामिसानरिकु शहर के अधिकारी रुइची ओमारी ने कहा, "हमने लोगों से कहा कि वे ऊंचे इलाकों में चले जाएं. यहां अंधेरा हो चुका है. मोबाइल और लैंडलाइन फोन, दोनों काम नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह से लोगों की आवाजाही पता नहीं चल पा रही है."

पूर्वी जापान में बुलेट ट्रेन सेवा रोक दी गई है. रेलवे के अधिकारी भूकंप की वजह से हुए नुकसान की जानकारी जुटाने में लगे हैं. कुछ देर के लिए एयरपोर्ट भी बंद किए गए, लेकिन अब धीरे धीरे एयरपोर्ट खुल रहे हैं.

शुक्रवार को भूकंप के झटकों के बाद जापान की सरकारी प्रसारण सेवा एनएचके के एक न्यूज एंकर ने बार बार लोगों से कहा कि वे सुरक्षित जगहों पर चले जाएं. न्यूज एंकर ने कहा, "बीते साल का भूकंप और सूनामी याद है. अपने पड़ोसियों को भी सूचित करें और तुरंत ऊंचे इलाकों में चले जाएं."

एनएचके ने राष्ट्रीय मौसम विभाग के हवाले से आशंका जताई कि सूनामी फुकुशिमा तक भी पहुंचेगा. बीते साल भूकंप और सूनामी के बाद फुकुशिमा दायची का परमाणु संयंत्र खराब हो गया. 2011 में भूंकप और सूनामी की वजह से जापान में 15,000 से ज्यादा लोग मारे गए. 3,200 अब भी लापता हैं.

ओएसजे/एनआर (डीपीए, रॉयटर्स)