जर्मनी में सख्त होंगे बलात्कार कानून
१८ मार्च २०१६कोलोन में महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद जर्मन सरकार ने महिलाओं के यौन शोषण के खिलाफ कानून को और सख्त करने का फैसला लिया है. मौजूदा कानून के मुताबिक पीड़ित को साबित करना होता है कि उसने यौन संबंध का विरोध किया.
महिलाओं के लिए सुरक्षित और बराबरी के माहौल के लिए अब तक जाने जाने वाला देश जर्मनी नए साल की पूर्व संध्या पर महिलाओं के साथ हुई व्यापक बदसलूकी की घटना से सक्ते में आ गया. देश भर में विदेशियों, शरणार्थियों और आप्रवासियों के खिलाफ प्रदर्शन हुए. यहां तक कोलोन में कई महिलाओं ने आत्मरक्षा के लिए क्लासेस लेने को भी गंभीरता से लिया. अब संसद के सामने सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानून को सख्त किए जाने का प्रस्ताव रखा है.
चांसलर मैर्केल की कैबिनेट का मत है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए. प्रस्तावित बिल में कहा गया है कि रेप का मामला दर्ज कराने के लिए महिलाओं को यह साबित करने की जरूरत नहीं होगी कि उन्होंने यौन संबंध का विरोध किया था. अगर पीड़ित के विरोध ना करने का कारण हिंसा और गंभीर शोषण का भय था, तो आरोपी को दोषी माना जाएगा.
न्याय मंत्री हाइको मास ने कहा, "कई मामलों में पीड़ित डर के मारे सेक्स के लिए हामी भर देते हैं, या यौन शोषण का इस डर से कड़ा विरोध नहीं करते कि कहीं उनपर हमला ना हो जाए. अब तक ऐसे मामलों में आरोपी कानूनी तौर पर सजा के हकदार नहीं होते थे." महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले समूहों का मानना है कि जर्मनी में बलात्कार की परिभाषा बहुत संकीर्ण है.
मास के मुताबिक कानून में बदलाव बेहद जरूरी हैं क्योंकि केवल आठ फीसदी बलात्कार मामलों में ही आरोपी को दोषी करार दिया जाता है. शोध बताते हैं कि जर्मनी में 10 में से बलात्कार का केवल एक ही मामला दर्ज होता है. कोलोन में महिलाओं पर हुए यौन हमले ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देश भर में बड़ी बहस को जन्म दिया है. कोलोन में नए साल के जश्न के दौरान हुई घटनाओं के बाद करीब 1100 आपराधिक मामले दर्ज हुए जिनमें से 40 फीसदी यौन उत्पीड़न और बलात्कार के थे. अब तक तीन लोगों को दोषी पाया गया है. लेकिन ये सारे चोरी के मामले थे. कोलोन की पुलिस करीब एक दर्जन अन्य मामलों की जांच कर रही है.
एसएफ/एमजे (एपी/डीपीए)