जर्मनी में मौज मस्ती के पर्व कार्निवाल का आगाज
जर्मनी में हर साल 11वें महीने यानी नवंबर की 11 तारीख को सुबह 11 बजकर 11 मिनट से कार्निवाल का मौसम शुरू हो जाता है और यह फरवरी-मार्च तक चलता है. राइन किनारे बसे कई शहरों के लोगों को साल भर इसका इंतजार रहता है.
कार्निवाल शुरू..
कोलोन, बॉन, डुसेलडोर्फ, आखेन और माइंस जैसे शहरों में कार्निवाल की रौनक देखने वाली होती है. कोलोन में हॉयमार्क्ट स्क्वेयर पर लगभग 10 हजार लोग जमा होते हैं. शहर के दूसरे हिस्सों में भी जश्न का माहौल होता है.
ये क्या हो गया..
कार्निवाल के दौरान ऐसी घटनाएं अकसर देखने को मिलती हैं जहां अतिरिक्त एंबुलेंस और चिकित्साकर्मियों की जरूरत पड़ती है. बहुत से लोग कुछ ज्यादा ही पी लेते हैं और फिर होश में नहीं रहते.
बाजारवाद हावी?
कोलोन के एक मशहूर स्थानीय बैंड "ब्लैक फोएस" ने इस बार कोलोन के आधिकारिक कार्निवाल आयोजन का हिस्सा ना बनने का फैसला किया है. उनका कहना है कि इस उत्सव में पहले जैसी पारंपरिक बात नहीं रही. यह बैंड छोटे आयोजनों में परफॉर्म करेगा.
मजाक
राजनेताओं का मजाक उड़ाना कार्निवाल का अहम हिस्सा है और इस दौरान किसी को नही बख्शा जाता. इस मौके पर होने वाले बहुत सारे आयोजनों में पारंपरिक गायक जोकरों की ड्रेस में परफॉर्म करते हैं.
हम सब साथ हैं
कोलोन जैसा कार्निवाल ब्राजील के रियो को छोड़कर दुनिया में कहीं नहीं मनता. हर साल इसके लिए नए गीत रचे जाते हैं और हर तरफ जश्न का माहौल होता है. पीने पिलाने का भी खूब माहौल होता है.
फूले हुए सिर
इन पुतलों को "श्वेलकॉप्फ" यानी फूले हुए सिर कहा जाता है. ये भी हर साल सीजन के अंत में होने वाली कार्निवाल परेड का हिस्सा होते हैं और अकसर शहर की बड़ी हस्तियों और नेताओं के ऐसे विशाल मुखौटे तैयार किए जाते हैं.
कोलोन के तीन बुद्धू
हर कार्निवाल शहर के हर साल नए शासक होते हैं. ज्यादातर शहरों में दो राजकुमार बनते हैं लेकिन कोलोन में "तीन मूर्खों" का राज होता है. कोलोन का राजकुमार बनने के लिए आपको एक लाख यूरो तक देने पड़ सकते हैं जबकि डुसेलडॉर्फ में ये रकम 75 हजार यूरो तक जा सकती है.
मस्ती और बस मस्ती
डुसेलडॉर्फ के मसखरे को "होपेडित्स" कहते हैं जो साल के 11वें महीने की 11 तारीख को जाग जाता है. वो केतली से बाहर निकलता है, छोटा सा भाषण देता है और उसके बाद शहर के मेयर को उसकी बातों का जवाब देने की इजाजत हो भी सकती है और नहीं भी. आखिर में होपेडित्स के पुतले को भी जलाया जाता है.
नूबल ही दोषी
नूबल एक पुतला है जिसे कार्निवाल में होने वाली सभी बुराइयों के लिए दोषी करार दिया जाता है. कार्निवाल के दौरान बाकायदा उसे जलाया जाता है.