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जर्मनी में भी चिंता की वजह है राजनीतिक चंदा

२६ फ़रवरी २०१८

जर्मन राजनीति में भी पैसे के लेन देन को लेकर बहुत ज्यादा पारदर्शिता नहीं है. जर्मनी पर जरूरी कदम न उठाने के भी आरोप लग रहे हैं.

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Hände übergeben Euros
तस्वीर: picture-alliance/U.Baumgarten

काउंसिल ऑफ यूरोप की रिपोर्ट में जर्मनी से राजनीतिक प्रचार संबंधी पारदर्शिता को बेहतर बनाने की मांग की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी को 20 सुझाव दिए गए थे, लेकिन सिर्फ नौ पर ही अमल किया गया. काउंसिल ऑफ यूरोप की भ्रष्टाचार विरोधी समिति की एक विशेषज्ञ के मुताबिक 7 साल पहले आखिरी बार ऑडिट हुआ था. तब से अब तक जर्मनी ने सिर्फ नौ सुझाव ही माने हैं.

राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की रिपोर्टिंग से जुड़े सुझाव भी नजरअंदाज किए गए हैं. फिलहाल जर्मनी के राजनीतिक पार्टियों को 50,000 यूरो से ज्यादा का चंदे की जानकारी देनी पड़ती है. भ्रष्टाचार विरोधी समिति चाहती है कि कम चंदा देने वालों की भी जानकारी देनी चाहिए.

काउंसिल ऑफ यूरोपीय मुद्दों को उठाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय मंच है. इसका यूरोपीय संघ की संस्थाओं से कोई संबंध नहीं है.

ग्रुप ऑफ स्टेट अंगेस्ट करप्शन ने जर्मनी ने गुप्त चंदे को बंद करने की अपील भी की है. फिलहाल गुप्त चंदे की रकम 500 यूरो है. ग्रुप ऑफ स्टेट अंगेस्ट करप्शन की स्थापना 1999 में हुई. इसका मकसद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भ्रष्टाचार को खत्म करना है. संस्था में अमेरिका और काउंसिल ऑफ यूरोप के 47 सदस्य देश शामिल हैं.

ओएसजे/एनआर (डीपीए, एएफपी)