जर्मनी में जंगली घोड़ों को पकड़ने का शो
उत्तर और दक्षिण अमेरिका के रोडियो प्रतिस्पर्धा की तरह जर्मनी के शहर डुलमेन में जंगली घोड़ों को पकड़ने का शो होता है. इस साल लोगों ने 400 घोड़ों की दौड़ में से करीब 36 घोड़े पकड़े.
यूरोप के आखिरी जंगली घोड़े
टॉयटेबुर्ग जंगल में स्थित डुलमेन शहर अपने घोड़ों की परंपरा के लिए जाना जाता है. यहां के घोड़े डुलमेन पॉनी के नाम से जाने जाते हैं, जो यूरोप के आखिरी जंगली घोड़ों में शामिल है. आम तौर पर ये घोड़े 360 हेक्टर इलाके में अकेले जीते हैं.
111 साल की परंपरा
डुलमेन में जंगली घोड़ों को पकड़ने के शो को देखने हर साल करीब 15,000 दर्शक आते हैं.1907 में शुरू हुई ये परंपरा दरअसल घोड़ों की संख्या के नियंत्रण के लिए है. उनकी नीलामी से होने वाली आमदनी बाकी घोड़ों के संरक्षण पर खर्च होती है.
इलाकाई मेला
इलाके के किसान एक दिन की छुट्टी लेकर घोड़ों को पकड़ने के शो में साईस के तौर पर हिस्सा लेते हैं. उनका पहला काम होता है नर और मादा घोड़ों को एक दूसरे से अलग करना. उसके बाद उन्हें दौड़ाया और पकड़ा जाता है. पकड़े गए घोड़ों की नीलामी होती है.
पशु संरक्षण
इस साल पशु अधिकार संरक्षकों ने डुलमेन शो का विरोध नहीं किया, हालांकि उनकी नजरें शो पर बनी हुई हैं. जंगली घोड़ों को पकड़ने का यह शो संरक्षण में भी मदद देता है. घोड़ों की संख्या कम रखने में और आपसी प्रजनन को कम करने में.
घोड़े और घुड़सवार
मेयरफेल्डर ब्रुख के जंगली घोड़ों को हाथ से पकड़ा जाता है. यह मानवीय तकनीक पहले साईसों को पशु चिकित्सकों द्वारा सिखाई जाती है. पहले घोड़ों को गले से पकड़ कर खींचा जाता था, जिसका पशु संरक्षण कार्यकर्ता विरोध करते थे.
मौज मस्ती का मौका
डुलमेन के सालाना जलसे में सिर्फ घोड़े ही केंद्र में नहीं होते. इस साल एक व्यक्ति ने अपने कुत्तों के साथ मनोरंजक स्टंट किया. इसके अलावा हजारों लोगों के आने पर आयोजनस्थल पर सॉसेज और बियर के साथ समर फेस्टिवल का माहौल होता है.