जर्मनी में ईरान के संदिग्ध जासूसों पर छापे
१६ जनवरी २०१८जर्मन प्रशासन ने मंगलवार को देश के अलग अलग हिस्सों में 10 जगहों पर छापे मारे. अधिकारियों ने संदिग्ध ईरानी जासूसों के घर और कारोबारी ठिकानों की तलाशी ली. जर्मनी की घरेलू खुफिया एजेंसी की सूचना के आधार पर संघीय अभियोजन विभाग ने तलाशी का आदेश दिया.
अभियोजन कार्यालय के मुताबिक, ऐसा शक है कि संदिग्धों ने ईरान की खुफिया एजेंसी के लिए लोगों और संस्थानों की जासूसी की. चार प्रांतों में हुई छापेमारी में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. छापे जर्मनी के सबसे संभ्रात प्रांत बवेरिया, सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रांत नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया, बाडेन वुर्टेमबर्ग और राजधानी बर्लिन में मारे गए.
छापों की रिपोर्ट सबसे पहले छापने वाली जर्मन पत्रिका फोकस के मुताबिक 10 लोग अल-कदस ब्रिगेड के संदिग्ध सदस्य हैं. अल-कदस ईरान की ताकतवर सेना रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प की विदेशों में काम करने वाली शाखा है.
जर्मन अधिकारियों को शक है कि संदिग्ध जासूस, जर्मनी में इस्राएली नागरिकों, यहूदी संस्थाओं और ईरान से भागकर जर्मनी आए लोगों की नियमित रूप से जासूसी कर रहे थे. पत्रिका की रिपोर्ट की जर्मन अधिकारियों ने पुष्टि नहीं की है.
इस महीने की शुरुआत में जर्मनी ने बर्लिन में तैनात ईरान के राजदूत को भी तलब किया था. जर्मनी में हाल ही में 31 साल के एक पाकिस्तानी छात्र को एसपीडी पार्टी के नेता राइनहोल्ड रोबे की जासूसी का दोषी करार दिया गया. जांच में पता चला की पाकिस्तानी छात्र ईरान के इशारे पर जासूसी कर रहा था. रोबे जर्मन-इस्राएली फ्रेंडशिप सोसाइटी के प्रमुख भी रह चुके हैं.
ईरान और लेबनान में उसके समर्थक शिया उग्रवादी संगठन हिज्बुल्लाह पर विदेशों में यहूदियों और इस्राएलियों पर जानलेवा हमले करने के आरोप लगते रहे हैं. अप्रैल 2017 में भी जर्मनी के संघीय अभियोजकों ने ईरानी खुफिया एजेंसी के इशारों पर जासूसी करने वाले दो लोगों पर मुकदमा दर्ज किया. दोनों ईरान सरकार के विरोधी संगठन मुजाहिद्दीन ऑफ ईरान (एमईके) की जासूसी कर रहे थे. यूरोप में कुर्दों और एमईके के सदस्यों की हत्याओं के तार अक्सर तेहरान से जुड़ते हैं. 1992 में बर्लिन के एक रेस्तरां में ईरान के एजेंटों ने चार ईरानी कुर्द विपक्षी नेताओं की हत्या की. इससे तीन साल पहले ऑस्ट्रिया में भी एक कुर्द ईरानी की हत्या की गई.
पेरिस से चलने वाला संगठन मुजाहिद्दीन ऑफ ईरान एक उग्रवादी संगठन है. संगठन ईरान सरकार को सत्ता से बेदखल करना चाहता है. ईरान का आरोप है कि हाल ही में देश भर में महंगाई के खिलाफ हुए प्रदर्शन इसी संगठन ने भड़काएं. एमईके पर भी अमेरिका और इस्राएल के इशारों पर ऑपरेशन करने के आरोप हैं.
ओएसजे/आईबी (एएफपी, एपी, डीपीए)