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जर्मनी को अफगान सत्ता पर भरोसा

१५ दिसम्बर २०११

जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा है कि अफगानिस्तान से पश्चिमी सेनाओं की वापसी के बाद कोई सत्ता शून्य उत्पन्न नहीं होगा. अमेरिका के नेतृत्व वाली विदेशी सेनाएं 2014 से अफगानिस्तान छोड़ देंगी.

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तस्वीर: dapd

अफगानिस्तान में जर्मन सैनिकों की तैनाती की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव पर जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में बहस से पहले सरकार की अफगान नीति पर विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा कि यह साल अफगानिस्तान के इतिहास में एक मोड़ ले कर आया है. उन्होंने कहा कि जुलाई में सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगान सरकार को सौंपने की शुरुआत हुई है, "बदलाव की शुरुआत गंभीर हमलों के बावजूद एक सफलता है."

वेस्टरवेले ने जोर दिया कि अफगानिस्तान समस्या का सैनिक नहीं बल्कि सिर्फ राजनीतिक समाधान हो सकता है. जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि इसीलिए जर्मनी तालिबान के साथ सहयोग और वार्ता का समर्थन करता है.

नाटो की सेनाएं 2014 से अफगानिस्तान से हटने लगेंगी. उन्होंने सांसदों को आश्वस्त करते हुए कहा, "हम अपने पीछे कोई शून्य नहीं छोड़ेंगे, जिसमें नया आतंकवाद पल बढ़ सके." उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान एक साल पहले के मुकाबले बेहतर हालत में है और 10 साल पहले के मुकाबले तो अत्यंत अच्छी स्थिति में." जर्मन विदेश मंत्री ने संसद से कहा कि इसका आंशिक श्रेय अफगानिस्तान में काम कर रहे राजनयिकों और सैनिकों को जाता है.

Afghanistan Militär USA
तस्वीर: DW

जर्मन संसद ने इस समय जर्मन सरकार को 5,350 सैनिकों को अफगानिस्तान में नाटो टुकड़ी के तहत तैनात करने की इजाजात दे रखी है. योजना के मुताबिक वह अपने सैनिकों को जनवरी 2012 तक 4,900 और 2013 की शुरुआत तक 4,400 कर देगा. जर्मनी की संसद हर साल सैनिकों को तैनात रखने की अनुमति देती है.

पिछले सप्ताह बॉन में अफगानिस्तान सम्मेलन के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान को 2014 में अपनी फौजों की वापसी के बाद भी अपने समर्थन को जारी रखने का आश्वासन दिया है. वेस्टरवेले ने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों को बेसहारा नहीं छोड़ेंगे. अतीत की गलतियां फिर नहीं दुहरायी जाएंगी. "काबुल को फिर से विश्व के आतंकवादियों की राजधानी नहीं बनने दिया जाएगा."

वामपंथी सांसद वोल्फगांग गैर्के ने इस बात की आलोचना की कि सरकार के प्रस्ताव का अर्थ है कि अफगानिस्तान में लड़ाई जारी रहेगी. लेकिन यह राजनीतिक समाधान की राह में बाधा है. ग्रीन पार्टी के रक्षा विशेषज्ञ ओमिद नूरीपुर ने कहा कि अफगानिस्तान में न सिर्फ सैनिकों की संख्या कम हो रही है बल्कि नागरिक सहायता भी कम हो रही है.

जर्मन रक्षा मंत्री थोमास दे मेजियर ने कहा कि अफगानिस्तान में वापसी की स्थिति लड़ाई के जरिए भी हासिल की गई है. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि 2011 में "सुरक्षा संबंधी घटनाओं" में कमी आई है. उन्होंने कहा कि सैनिकों की और वापसी सुरक्षा की स्थिति पर निर्भर करेगी. "पेड़ से नीचे उतरना कई बार ऊपर चढ़ने से ज्यादा मुश्किल होता है."

रिपोर्ट: डीपीए, एएफपी/महेश झा

संपादन: ए जमाल