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अंधेरा कायम रहे

१६ अप्रैल २०१४

पुराने दौर की फिल्मों में प्रेमी जोड़े को तारों की छांव में बैठे हुए देखा जाता था. लेकिन तारों से भरा आसमान अब ना तो फिल्मों में नजर आता है और ना ही असल जिंदगी में. जर्मनी को अब तारों वाला सबसे अंधेरा शहर मिल गया है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

शहरों में घरों, फैक्ट्रियों और सड़कों की बत्तियों के बीच ऐसा अंधेरा कम ही हो पाता है, जिसमें तारों को ठीक से देखा जा सके. गांव में जहां आबादी कम है और बिजली का भी अभाव है, वहां तारे जरूर दिख जाते हैं, लेकिन प्रदूषण के कारण आसमान में एक ऐसी चादर फैली रहती है कि नजरें तारों तक पहुंच ही नहीं पाती.

जर्मनी में वैज्ञानिकों ने सबसे अंधेरी जगह ढूंढ निकाली है. इसे अब 'डार्क स्काई पार्क' घोषित किए जाने की मांग की जा रही है. यह जगह है बर्लिन से करीब 120 किलोमीटर दूर, गुल्पे नाम का एक छोटा सा गांव. ब्रांडेनबुर्ग राज्य के इस गांव में केवल 160 लोग रहते हैं.

हावल नदी के किनारे बसे इस शहर में पिछले महीने ही खगोलशास्त्रियों की बैठक हुई. इनमें एक थे ओस्नाब्रुक शहर के आंद्रेयास हेनेल. अब हेनेल इस शहर को रोशनी से बचाने का काम संभाल रहे हैं. वह कोशिश कर रहे हैं कि गुल्पे को प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र बनाया जाए ताकि यहां का अंधेरा बरकरार रह सके.

इंसानी हार्मोन को नुकसान

रोशनी से होने वाले प्रदूषण पर अक्सर लोगों का ध्यान नहीं जाता. जब रोशनी पर्यावरण में फैलती है, तो हवा में मौजूद धूल और अन्य कण उसे चारों तरफ फैला देते हैं. इस कारण एक ऐसी चादर बन जाती है, जिस से आकाश का काला दिखना नामुमकिन हो जाता है.

वैज्ञानिक इस दिक्कत को जानते हैं. लंबे समय से वे रोशनी से होने वाले प्रदूषण को समझने की कोशिश कर रहे हैं और इंसानों और जानवरों पर होने वाले उसके असर को भी. वैज्ञानिक अब इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि इस तरह का प्रदूषण जानवरों की जैविक घड़ी पर असर करता है. जर्मनी में प्राकृतिक संरक्षण के लिए बनी संघीय एजेंसी का कहना है कि इस से प्रवासी पक्षी अपना रास्ता भटक जाते हैं. भेड़िये और चमगादड़ यह ठीक से नहीं समझ पाते कि दिन है या रात. इस कारण वे ठीक तरह से शिकार नहीं कर पाते.

इसी तरह इंसानों पर भी इसका असर होता है. स्ट्रीट लाईट का रात भर जलते रहना कुछ वैसा ही है जैसे किसी का टीवी या नाईट लैम्प खुला छोड़ कर सो जाना. इस से इंसानी हार्मोन को भी नुकसान पहुंचता है.

लेकिन इंसानी सेहत से बढ़ कर तारे खगोलशास्त्रियों की चिंता बने हुए हैं. इसीलिए वे अमेरिकी संस्था आईडीए (इंटरनेशनल डार्क-स्काई एसोसिएशन) से आग्रह कर रहे हैं कि गुल्पे को जल्द से जल्द संरक्षित किया जाए. आईडीए ने दुनिया में कुल 12 जगहों को 'स्टार पार्क' घोषित किया है. इनमें से नौ तो अमेरिका में ही हैं, एक स्कॉटलैंड में और दो हंगरी में हैं. अगर गुल्पे को भी यह दर्जा मिल जाता है तो वह जर्मनी का पहला ऐसा शहर होगा जिसे 'स्टार पार्क' कहा जाएगा.

रिपोर्ट: हानाह फुक्स/ईशा भाटिया

संपादन: आभा मोंढे