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जर्मन सरकार ने हथियार निर्यात की दी रिकॉर्ड तोड़ मंजूरी

२४ जनवरी २०१८

बीते सालों में जर्मन सरकार ने दुनिया के संकटग्रस्त और युद्ध झेल रहे इलाकों में हथियार निर्यात को बड़ी मंजूरी दी. हथियार बिक्री को घटाने के दावे के बीच सीडीयू-एसपीडी की गठबंधन सरकार ने निर्यात मंजूरी के रिकॉर्ड कायम किए.

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Kampfpanzer Leopard
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Steffen

जर्मनी के सरकारी न्यूज चैनल एआरडी ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चांसलर अंगेला मैर्केल की मौजूदा गठबंधन सरकार ने 2013 से अब तक तकरीबन 31 अरब डॉलर मूल्य की हथियार बिक्री को मंजूरी दी. चैनल का दावा है कि जर्मनी के आधुनिक इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी सरकार ने इतने बड़े स्तर पर हथियारों के निर्यात की मंजूरी दी हो. अंगेला मैर्केल की क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी (सीडीयू) और इसकी सहोदर पार्टी क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) ने सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) के साथ मिलकर 2013 में गठबंधन सरकार बनाई थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोपीय संघ और सैन्य संगठन नाटो में आने वाले देशों के अलावा, जर्मनी ने 2013 से 2017 के बीच तकरीबन 18 अरब डॉलर के हथियार गैर नाटो देशों को निर्यात किए. हथियारों के इस निर्यात में साल 2010-2013 की तुलना में 47 फीसदी की तेजी देखी गई. हालांकि साल 2010-2013 के दौरान भी अंगेला मैर्केल ही देश की चांसलर थीं.

फिलहाल जर्मनी में नई सरकार को लेकर सीडीयू-एसपीडी के बीच गठबंधन वार्ता चल रही है. गठबंधन वार्ता के बीच एसपीडी ने हथियारों के निर्यात पर कड़ा रुख अपनाया हुआ है. सरकारी चैनल का दावा है कि उसकी यह रिपोर्ट देश के आर्थिक मंत्रालय से प्राप्त डाटा पर आधारित है. इस खुलासे के बाद देश की लेफ्ट पार्टी ने जांच की मांग की है. एआरडी ने कहा है कि यह प्राथमिक डाटा है और जैसे-जैसे और परतें खुलेंगी संभव है कि आंकड़े में इजाफा देखने को मिले.

लेफ्ट पार्टी के नेता स्टेफान लीबिष ने एआरडी से कहा, "चार साल पहले एसपीडी ने वादा किया था कि वह देश की हथियार नीति में बदलाव करेंगे लेकिन सच्चाई तो यह है कि यहां दरवाजे बंद नहीं किए गए बल्कि और खोल दिए गए हैं."

जर्मन हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार उत्तरी अफ्रीकी देश अल्जीरिया है. जिसे हाल के सालों में करीब 1.67 अरब डॉलर के हथियार बेचे गए. इसके अलावा चोटी के दस खरीदारों में मध्य पूर्व के देश सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र शामिल हैं. यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जो जर्मन सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. सीरिया में तुर्की की ओर से जर्मनी में निर्मित टैंक की तैनाती वाली तस्वीरों पर लोगों में नाराजगी है. वहीं सीडीयू-एसपीडी देश में सरकार बनाने को लेकर गठबंधन वार्ता के लिए आगे बढ़ रही हैं जिसमें अब हथियारों की खरीद-बिक्री एक बड़ा मुद्दा हो सकता है.

एए/एमजे (एएफपी, डीपीके)