जर्मन शहर ड्रेसडेन में धमाके, मस्जिद भी निशाने पर
२७ सितम्बर २०१६पुलिस का कहना है कि सोमवार देर शाम हुए इन दोनों धमाकों में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. शहर के पुलिस प्रमुख होर्स्ट क्रेचमार ने कहा, "हालांकि अभी तक किसी ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन हम मानते हैं कि इन हमलों के पीछे नफरत फैलाने वाले लोग हैं.”
अगले सोमवार को ड्रेसडेन में जर्मन एकीकरण की 26वीं वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रम होना है जिसमें जर्मन राष्ट्रपति योआखिम गाउक और चांसलर अंगेला मैर्केल भी हिस्सा लेंगे. पुलिस प्रमुख का कहना है कि हो सकता है कि धमाकों के जरिए इस आयोजन में भी बाधा पहुंचाने की कोशिश की गई हो.
सोमवार रात देसी बमों से धमाके किए गए. एक धमाके में मस्जिद के दरवाजे को नुकसान हुआ. उस समय इमाम और उनका परिवार मस्जिद के अंदर ही थे. हालांकि उन्हें किसी तरह की चोट नहीं आई है. वहीं शहर के इंटरनेशनल कांग्रेस सेंटर के होटल को धमाके के बाद आंशिक रूप से खाली करना पड़ा. पूर्वी जर्मन शहर ड्रेसडेन से ही पेगीडा आंदोलन शुरू हुआ था.
इसके सदस्य इस्लाम और देश में आ रहे प्रवासियों का विरोध करते हैं. 'पश्चिम के इस्लामीकरण के खिलाफ यूरोप के राष्ट्रवादी' यानि पेगीडा के समर्थकों का मानना है कि इस्लामीकरण से ईसाई धर्म की संस्कृति और परंपराओं को खतरा है. लेकिन जर्मनी में बड़ी संख्या में लोग पेगीडा का विरोध भी करते हैं. उनका मानना है कि जो देश होलोकॉस्ट जैसी घटनाएं झेल चुका है वहां जातिवाद और विदेशियों से नफरत करना नाजीवाद जैसा है.
हालांकि जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल की प्रवासी नीति को लेकर जर्मनी में लगातार असंतोष देखने को मिल रहा है. कई जर्मन राज्यों में हुए हालिया चुनावों में उनकी पार्टी की हार को भी इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है. कई जानकार धुर दक्षिणपंथी पार्टी अलटरनेटिव फॉर जर्मनी जैसी पार्टी के उभार की वजह भी इसी को मानते हैं.
रिपोर्ट: एके/ओएसजे (एएफपी, डीपीए)