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जर्मन रक्षा बजट में कटौती की घोषणा

२८ मई २०१०

जर्मन रक्षा बजट में कटौती की घोषणा के बाद जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल-थियोडोर सू गुटेनबर्ग ने कहा है कि सैनिक छावनियों को बंद किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. रक्षा मंत्री की घोषणा का व्यापक विरोध हो रहा है.

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तस्वीर: AP

जर्मन रक्षा बजट में कटौती के सिलसिले में सैनिक छावनियों को बंद किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है. व्यापक विरोध के बावजूद जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल-थियोडोर सू गुटेनबर्ग ने कहा है कि विचार विमर्श के अंत में छावनियों को बंद करने का फ़ैसला हो सकता है.

रक्षा मंत्री गुटेनबर्ग ने जर्मन सरकार के बजट में बचत की ज़रूरत को देखते हुए सैन्य बजट में कटौती की घोषणा की थी. कटौती कहां होगी, यह फ़ैसला नहीं हुआ है लेकिन हथियारों की ख़रीद की अरबों यूरो की योजनाओं की भी जांच की जा रही है. आपूर्ति में देरी, खर्च में बढ़ोत्तरी और कुछेक परियोजनाओं के उपयोग जैसे मुद्दों पर विचार किया जा रहा है. लेकिन छावनियों के भविष्य पर भी विचार हो रहा है. अतीत में छावनियों को बंद किए जाने का विरोध होता रहा है. रक्षा मंत्री गुटेनबर्ग कहते हैं, "पहले सैनिकों की संख्या, फिर संसाधन, उसके बाद साजो सामानों की ख़रीद और अंत में यह प्रश्न उठेगा कि किन छावनियों पर सवालिया निशान हैं."

Bundeswehr Haushalt Guttenberg
जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल-थियोडोर सू गुटेनबर्गतस्वीर: AP

लेकिन सार्वजनिक बहस में रक्षा मंत्री छावनियों को बंद किए जाने का भी मुद्दा ला रहे हैं. इसलिए भी कि लोग अंदर से इसके लिए तैयार हो सकें. जर्मन निगम और पालिका संघ ने कहा है कि सैन्य छावनियों को बंद किए जाने से पालिकाओं और स्थानीय प्रशासन को आर्थिक नुकसान पहुंचेगा. संघ का कहना है कि उसे संदेह है कि छोटी छावनियों को बंद करने से बचत होगी.

सत्ताधारी गठबंधन में शामिल एफडीपी के महासचिव क्रिश्टियान लिंडनर ने विवादास्पद रॉकेट रोधी पद्धति मीड्स की उपयोगिता पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि युद्धक विमान यूरोफाइटर और सैन्य परिवहन विमान एयरबस ए400एम की संख्या घटाकर बचत की जा सकती है.

उधर राइनलैंड पलैटिनेट के मुख्यमंत्री एसपीडी के कुर्ट बेक ने छावनियों को बंद करने की योजना की आलोचना की है. उनका कहना है कि छावनियों को बंद करने से जनता के बीच जर्मन सैनिकों के समेकन और स्वीकृति में कमी आएगी. ट्रेड यूनियन संगठन वैर्डी ने घोषणा को जल्दबाज़ी और लापरवाही भरा बताया है.

जर्मन सेना संघ ने बचत योजना की आलोचना की है और कहा है कि सुरक्षा संरचनाएं बजट की स्थिति पर निर्भर नहीं होनी चाहिए. वामपंथी पार्टी डी लिंके ने छावनियों को बंद करने का बोझ शहरों पर डालने के लिए सरकार कीआलोचना की है और मांग की है जर्मन सेना को विदेशों से वापस बुलाया जाए, हथियारों के सौदे तोड़ दिए जाएं और अनिवार्य सैनिक सेवा को समाप्त किया जाए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार