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ब्रेड की संस्कृति

Herber, Lori१४ मार्च २०१४

सांस्कृतिक विरासत कभी स्मारकों तो कभी पारंपरिक ज्ञान में छुपी होती है. जर्मन बेकर मानते हैं कि ब्रेड बनाने की उनकी कला भी देश की सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है.

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Brot und Korn
तस्वीर: Fotolia/Grecaud Paul

एक समय था जब जर्मन बेकरी को स्वाद और क्वालिटी के लिए दुनिया भर में जाना जाता था. आजकल वही बेकर जो पारंपरिक तरीकों से ब्रेड बनाते थे, यह सोच सोचकर परेशान हैं कि सुपरमार्केट में सस्ते दामों में मिलने वाली ब्रेड के आगे उनके हाथों की बनाई ब्रेड में लोगों की दिलचस्पी कैसे बनाई रखी जाए. उन्हें लगता है कि यह देश की सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने के लिए भी जरूरी है.

सेंट्रल एसोसिेशन ऑफ जर्मन बेकर्स के अध्यक्ष पेटर बेकर कहते हैं, "दुनिया के किसी और देश में जर्मनी के जितनी भिन्न भिन्न तरह की ब्रेड की किस्में नहीं है." ब्रेड ने जर्मनी की संस्कृति को शुरू से ही काफी प्रभावित किया है. साल के किसी भी समय आसानी से बन जाने वाली ब्रेड कई जगहों पर लोगों के बसने और और नए शहरों के विकास का भी कारण बनी. हर इलाके के अलग अलग मौसम के कारण वहां उगने वाले अनाज की किस्में भी बहुत अलग थी. जर्मनी में करीब 3,000 तरह की रेसिपी लिखित रूप में मिल चुकी हैं.

यूनेस्को के ठप्पे के मायने

"इनटैंजिबल" उपनाम की शुरूआत करने वालों में एशिया और अफ्रीका के कुछ देश शामिल थे जिन्हें लगता था कि उनकी सांस्कृतिक चीजों को बहुत ज्यादा महत्ता नहीं मिल रही थी. संयुक्त राष्ट्र संघ की सांस्कृतिक शाखा, यूनेस्को, 2003 से ही कई अमूर्त चीजों को सांस्कृतिक धरोहर की उपाधि देती आई है. "इनटैंजिबल" संपत्ति में नृत्य, संस्कार और शिल्प जैसी चीजें आती हैं. ये चीजें किसी सभ्यता के जीते जागते स्वरूप को दिखाती हैं. इनकी सुरक्षा का मतलब होगा सांस्कृतिक ज्ञान का संरक्षण. इन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा जाता है. सबसे महत्वपूर्ण है "प्रतिनिधि तालिका," जिसमें अभी 281 चीजें दर्ज हैं.

बीते सालों में भारत के पारंपरिक वैदिक मंत्रोच्चार, लद्दाख के बौद्ध मंत्रोच्चार और रामायण के नाट्य रूप 'रामलीला' को भी "इनटैंजिबल कल्चरल हेरिटेज" की तालिका में शामिल किया गया. अर्जेंटीना के टैंगो से लेकर, कार्निवाल परेड, तिरोल की "श्मेनलाउफेन" परेड, और स्पेन के एक द्वीप में बोली जाने वाली "एल सिल्बो" नामकी सीटी की आवाज वाली भाषा को इस तालिका में रखा गया है. यूनेस्को की मुहर से पारंपरिक बेकरियों को कितना फायदा मिलेगा इसका सही सही अंदाजा लगाना तो मुश्किल है. लेकिन इन तरीको को जिंदा रखे हुए बेकर, जरूर अपने काम में और गौरव महसूस करेंगे.

ब्रेड, बीयर और बैक्टीरिया

2013 में जर्मनी में "इनटैंजिबल" सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने का एक समझौता हुआ. कई क्लबों, समुदायों और व्यक्तियों से पिछले साल नवंबर तक इस विषय पर उनके प्रस्ताव भेजने को कहा गया. कुल 128 प्रस्तावों में लोगों ने जर्मन ब्रेड के अलावा, बैक्टीरिया से की जाने वाली एक थेरेपी के सांस्कृतिक महत्व और थ्युरिंजिया राज्य की मौखिक कहानियों को भी शामिल करने की बात कही. इस सूची में ब्रेड को सबसे तगड़ी टक्कर दी जर्मन ब्रूअर एसोसिएशन के प्रस्ताव ने. वे काफी समय से बीयर की शुद्धता के कानून को इस तालिका में शामिल कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस साल अप्रैल तक सभी राज्य कुछ प्रस्तावों पर सहमति बनाएंगे और उन्हें जर्मनी के यूनेस्को कमीशन को भेजा जाएगा. देश की ओर से जिस प्रस्ताव को सबसे ज्यादा समर्थन मिलेगा उसे ही जर्मनी की आधिकारिक प्रविष्टी माना जाएगा. इस सारी प्रक्रिया के पूरे होने में कम से कम दो साल लगेंगे. जर्मनी ने इस दौरान तीन हजार ब्रेड की रेसिपी इकट्ठी कर ली है.

रिपोर्टः जेनीफर फ्रात्सेक/ऋतिका राय

संपादनः आभा मोंढे