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जर्मन पुलिस को छकाकर मशहूर हुई गोंजो

ओंकार सिंह जनौटी२३ सितम्बर २०१६

जर्मन शहर बॉन की एक अहम सरकारी इमारत में रात में अलार्म बजते गए. पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा लिया लेकिन डेढ़ हफ्ते तक शातिर का पता नहीं चला. अंत में जब राज खुला तो सब लोट पोट हो गए.

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तस्वीर: Colourbox/E. Wodicka

9 सितंबर की रात से जर्मन शहर बॉन में फाइनेंशियल ऑफिस की बिल्डिंग पुलिस को उलझा रही थी. इमारत में रात में एक के बाद एक अलार्म बजते, वो भी अलग अलग मंजिलों पर. हर बार सुरक्षाकर्मी पूरी तैयारी से पहुंचते और पूरी बिल्डिंग की खाक छानते. जांच के दौरान सारे लॉक सही मिलते गए, इससे पुलिस और उलझन में पड़ गई.

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अलार्म बजने के अगले दिन इस फिनांसआम्ट के अधिकारियों ने टैक्स और वित्तीय मामलों से जुड़े दस्तावेजों की जांच की. वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि कहीं कोई फाइल चुरायी तो नहीं गई. लेकिन ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया. और अलार्म आगे भी बजते गए. अधिकारियों को लगने लगा कि कोई शातिर या शैतानी भरा दिमाग इसके पीछे है और उसे दबोचने की योजनाएं बनने लगी.

लेकिन तभी एक दिलचस्प वाकया हुआ. मंगलवार रात एक बार फिर अलार्म बजे. अधिकारियों ने जब सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो उन्हें एक भागती हुई बिल्ली दिखाई पड़ी. अलार्म बजने से बिल्ली भी घबरायी और लेडीज टॉयलेट में छुप गई. मामले की जांच कर रहे सुरक्षाकर्मी भी बिल्ली की हरकत से हंसते हंसते लोट पोट हो गए. इसके बाद घर पर खुद एक बिल्ली पालने वाले सुरक्षाकर्मी ने कैट प्रोटेक्शन बॉन संस्था को फोन किया और बिल्ली को सुरक्षित निकाला गया. बिल्ली के शरीर पर मालिक द्वारा लगाई गई चिप भी मिली. चिप के मुताबिक उसका नाम गोंजो है और उम्र छह साल है.

कैट प्रोटेक्शन बॉन की स्वंयसेवी हेलेना ब्राक्लोव के मुताबिक गोंजो को इमारत में चूहे जरूर मिले होंगे, वरना 12 दिन तक वह जिंदा नहीं रह पाती. अब गोंजो के मालिक को खोजा जा रहा है. चिप पर लिखा फोन नंबर गलत है. कैट प्रोटेक्शन बॉन को उम्मीद है कि मीडिया के जरिये मालिक तक गोंजो के कारनामे की खबर जरूर पहुंचेगी.

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