जब शी जिनपिंग के पिता को जेल में डाला गया था..
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विचारधारा अब चीन में पार्टी संविधान का हिस्सा है. माओ के बाद चीन के सबसे ताकतवर नेता बताये जा रहे शी जिनपिंग ने यहां तक पहुंचने के लिए लंबा सफर किया है. डालते एक नजर.
परिवार
जन्म 1953 में हुआ. उनके पिता शी चोंगशुन कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापकों में से एक थे. वह करिश्माई नेता माओ त्सेतुंग के करीबी थे और चीन के उप प्रधानमंत्री भी रहे.
राजकुमार
इस तरह, शी जिनपिंग को एक "राजकुमार" की तरह देखा जाता है जिनका संबंध एक जाने माने परिवार से है और वे चीनी सत्ता के शिखर तक पहुंचे. लेकिन उनके लिए सब कुछ इतना आसान भी नहीं था.
पिता को जेल
शी के परिवार को 1962 में उस वक्त नाटकीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा जब सांस्कृतिक क्रांति से पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उनके पिता को पद से हटाकर जेल में डाल दिया गया.
सांस्कृतिक क्रांति
एक दशक लंबी सांस्कृतिक क्रांति के तहत सरकार, शिक्षा और मीडिया में पूंजीवादी प्रभावों और बुर्जुआ सोच को खत्म करने की मांग की गयी. बहुत से पार्टी नेताओं को काम करने खेतों और कारखानों में भेज दिया गया.
सात साल की मेहनत
15 साल की उम्र में शी जिनपिंग को "फिर से शिक्षित होने" के लिए देहाती इलाके में भेजा गया. एक गांव में उन्होंने सात साल तक कड़ी मेहनत की. इस अनुभव ने उनकी राजनीति सोच को आकार दिया.
पार्टी ने किया खारिज
शी जिनपिंग ने कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ जाने की बजाय उसे अपना लिया. उन्होंने कई बार पार्टी में शामिल होने की कोशिश की, लेकिन उनके पिता की वजह उन्हें खारिज किया गया.
खुले दरवाजे
आखिरकार 1974 में वह समय आया जब पार्टी ने उनके लिए अपने दरवाजे खोले. सबसे पहले वह हुबेई प्रांत में पार्टी के स्थानीय सचिव बने. उन्होंने कड़ी मेहनत की. इसी का नतीजा है कि उन्हें बाद में शंघाई का पार्टी मुखिया बनाया गया.
सत्ता के शिखर पर
लगातार बढ़ते राजनीतिक कद ने उन्हें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति में जगह दिलायी और फिर 2012 में वह कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने और 2013 में चीन के राष्ट्रपति.
फर्स्ट कपल
सिंगहुआ यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले शी जिनपिंग की पत्नी पेंग लीयुआन एक जानी मानी गायिका हैं. दोनों की तस्वीरें चीनी मीडिया में खूब छपती हैं. इससे पहले के राष्ट्रपतियों की पत्नियां बहुत ही कम सार्वजनिक तौर पर दिखती थीं.
एक बेटी
शी जिनपिंग को चीन में बेहद लोकप्रिय बनाया जाता है. उनकी एक बेटी है जिसका नाम शी मिंगत्से है. उनके बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं है लेकिन इतना जरूर बताया जाता है कि वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ी हैं.
सख्त प्रशासक
बतौर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की छवि एक सख्त प्रशासक की है जिसे भ्रष्टाचार बिल्कुल मंजूर नहीं है. उनके दौर में अहम पदों पर बैठे कई नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई हुई है.
विरोध की जगह नहीं
अपने विरोधियों से भी वह सख्ती से निपटने के लिए जाने जाते हैं. उनके दौर में जहां इंटरनेट पर सेंसरशिप लगातार सख्त हो रही है, वहीं चीन के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाया जा रहा है.
कार्रवाई
कई आलोचक उन्हें "चेयरमैन माओ के बाद सबसे अधिनायकवादी नेता" मानते हैं. उनके कार्यकाल में कई विद्रोहियों और मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सुपरवापर चीन
शी जिनपिंग चीन को दुनिया का सबसे अग्रणी देश बनाना चाहते हैं. वन बेल्ट वन रोड जैसी महत्वकांक्षी परियोजनाओं के जरिए चीन दुनिया तक अपनी पहुंच और प्रभाव कायम करने में जुटा है.
बढ़ता प्रभाव
चीन की बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक ताकत सुपरवापर बनने के सपने को साकार करने में मदद कर रही है. चीन दुनिया भर में निवेश परियोजनाओं के जरिए अपने पांव पसार रहा है.
संविधान में शी
शी की विचारधारा को चीनी संविधान का हिस्सा बना दिया गया है. इससे पहले सिर्फ माओ और चीन में आर्थिक सुधारों का रास्ता खोलने वाले देंग शियाओपिंग की विचारधारा को संविधान में जगह मिली है.