छोटे एयरपोर्टों से परेशान विशाल विमान
एक बार में 600 लोगों को उड़ाने वाला विमान ए380 मुश्किल में है. छोटे एयरपोर्टों से भरी दुनिया में यह विशाल विमान बैठ नहीं पा रहा है.
विशाल विमान
इसमें कोई शक नहीं कि एयरबस ए380 एक जबरदस्त विमान है. 72.7 मीटर लंबे इस विमान के डैने 79.8 मीटर तक फैले रहते हैं. यह दोमंजिला विमान है, जिसमें एक साथ 489 से 615 यात्री बैठ सकते हैं.
पहली उड़ान
अप्रैल 2005 में इस विमान ने पहली आधिकारिक उड़ान भरी. 3 घंटे 54 मिनट की उड़ान के बाद विमान सफलतापूर्वक जमीन पर उतरा. पहले यह माना गया कि इतने बड़े विमान को चार इंजनों से ही उड़ाया जा सकता है. लेकिन बाद में पता चला कि इस विमान को उड़ाने के लिए दो इंजन भी काफी हैं. लेकिन ऐसे दो इंजन बनाने में अरबों का खर्चा आएगा.
पहले कस्टमर
सिंगापुर एयरलाइंस पहली एयरलाइन कंपनी थी जिसने ए380 को अपने बेड़े में शामिल किया. अक्टूबर 2007 में यह विमान पहली बार किसी एयरलाइन में शामिल हुआ. तब लगता था कि बड़े विमान से ही बिजनेस ज्यादा बेहतर होगा.
कहां आई मुश्किल
ए380 की उड़ान बेहद आरामदायक होती है. विशाल विमान में झटके बहुत कम लगते हैं. लेकिन इस विमान को एयरपोर्ट और रनवे पर खूब जगह चाहिए. यही वजह है कि छोटे एयरपोर्टों वाले शहरों तक यह विमान नहीं जा सकता है. फिलहाल ए380 लंदन, फ्रैंकफर्ट, न्यू यॉर्क और सिंगापुर जैसे शहरों की ही नियमित उड़ान भरता है.
भारत में ए380
भारत की किसी एयरलाइन कंपनी के पास ए380 नहीं है. लेकिन एमिरेट्स और लुफ्थांसा जैसी विदेशी एयरलाइन कंपनियां नई दिल्ली और मुंबई तक इस विमान को ले जाती हैं. भारत के चार एयरपोर्ट दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और हैदराबाद ही इस विशाल मशीनी परिंदे को उतार सकते हैं.
सड़क से कारखाने तक
यूरोपीय विमान निर्माता कंपनी एयरबस को सिर्फ बोइंग से ही चुनौती नहीं मिलती, बल्कि कंपनी का भीतरी ढांचा भी मुश्किलें खड़ी करता है. यूरोपीय देशों के बीच करार के चलते विमान के ढांचे और पुर्जे फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, ग्रेट ब्रिटेन, चीन और अमेरिका में बनते हैं. फिर इन्हें एक जगह लाकर जोड़ा जाता है.
परेशान करता ट्रेंड
पहले कहा जाता था कि बड़ा विमान बेहतर है, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है. एयरपोर्टों में हो रही मुश्किल के चलते अब ए380 के काफी कम ऑर्डर मिल रहे हैं. 2016 में सिर्फ 28 विमानों की डिलीवरी हुई. इस साल 15 विमान दिये जाएंगे और 2018 में 12. डिमांड काफी गिर चुकी है.
प्रोडक्शन बंद
माना जा रहा है कि एयरबस भविष्य में ए380 का प्रोडक्शन बंद कर देगी. एयरपोर्टों के विस्तार की तमाम अपीलों के बावजूद कंपनी को लगता है कि दुनिया के ज्यादातर देश इसके लिए तैयार नहीं हैं. इसी की मार ए380 पर पड़ रही है.