चुनावी मौसम के दल बदलू
चुनावों से पहले भारत में दल बदलू मेला शुरू हो जाता है. स्वार्थ के लिए कई नेता, धुर विरोधी पार्टी में शामिल हो जाते हैं. चुनाव जीतने के लिए पार्टियां भी ऐसे नेताओं को खूब भाव देती हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू
राजनीति से ज्यादा कॉमेडी शो में दिखाई पड़ने वाले नवजोत सिंह सिद्धू भी अब कांग्रेस की तरफ से शेर ओ शायरी और जुमले ठोकेंगे. बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद सिद्धू बड़ी देर तक यहां वहां करते रहे. आखिर में सबसे बढ़िया डील कांग्रेस के साथ हुई.
रीता बहुगुणा जोशी
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष के तौर पर रीता बहुगुणा जोशी आए दिन बीजेपी पर बरसती थीं. लेकिन यूपी चुनाव से पहले पार्टी की रणनीति से खफा होकर जोशी बीजेपी में शामिल हो गईं. बीजेपी ने भी उन्हें खूब भाव दिया.
विजय बहुगुणा
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. उत्तराखंड आपदा के दौरान विवादों में रहने वाले बहुगुणा अपने बेटे साकेत बहुगुणा को आगे बढ़ाना चाहते थे. लेकिन इसमें अड़चन आ रही थी. इसी वजह से पिता पुत्र की जो़ड़ी परिवारवाद खत्म करने का दावा करने वाली पार्टी में गए.
एसएम कृष्णा
दशकों तक कांग्रेस में रहने के बाद पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने मार्च 2017 में बीजेपी का दाम थाम लिया. कांग्रेस में रहते हुए वह विदेश मंत्री के अलावा वह पांच साल तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे. वह महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे.
कृष्णा तीरथ
कृष्णा तीरथ और उनके पति सतपाल महाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं. पति के कांग्रेस छोड़ने के कुछ महीनों बाद कृष्णा तीरथ ने भी कांग्रेस का हाथ झटककर कमल का फूल पकड़ लिया.
पेमा खांडू
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बड़े बेटे पेमा खांडू कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते. सरकार के मुख्यमंत्री बने. बीच कार्यकाल में ही वह विधायकों समेत पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के साथ चले गए और फिर बीजेपी में आए गए. सरकार आखिरकार सलामत रही.
राम विलास पासवान
राम विलास पासवान दल नहीं, बल्कि पूरा पाला ही बदलते हैं. राजनीतिक गलियारों में उन्हें हर सरकार में शामिल होने वाला नेता कहा जाता है. एनडीए, यूपीए और फिर एनडीए, पासवान हमेशा सत्ता के गलियारों में रहते हैं.