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चीन से घर लौटने को मजबूर उत्तर कोरिया के लोग

२ अक्टूबर २०१७

हाल में लगाये गये प्रतिबंधों के बाद उत्तर कोरिया के कर्मचारियों ने चीन की सीमा पर बसे शहर दानदोंग से लौटना शुरू कर दिया है. स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि नये प्रतिबंध प्योंगयांग की विदेशी आय को सीमित कर रहे हैं.

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China-Nordkorea Grenze bei Dandong
तस्वीर: Reuters/D. Sagolj

उत्तर कोरिया और चीन की सीमा पर बसा एक शहर है दानदोंग. 8 लाख लोगों की आबादी वाले इस शहर में कुछ दिनों पहले तक बड़ी संख्या में उत्तर कोरियाई लोग काम करते थे. लेकिन अब हालात बदल रहे हैं.

शहर के ही एक कैफे विंग ने अपने विज्ञापन वाले बोर्ड पर कोरियाई महिला वेटर की एक बड़ी सी तस्वीर लगाई हुई थी. लेकिन अब वह बोर्ड उस कैफे से हटा दिया गया है. कैफे के स्टाफ का कहना है कि हाल ही में वीजा एक्सपायर होने के बाद महिला वेटर उत्तर कोरिया में अपने शहर वापस लौट गयी है.

दानदोंग शहर के होटलों और रेस्टोरेंट्स में बड़ी संख्या में उत्तर कोरिया के लोग काम कर रहे थे. वे यहां मुख्य तौर पर खाना बनाने, संगीत और नृत्य के पेशे में शामिल थे. उनका संगीत और नृत्य बड़े पैमाने पर पर्यटकों का आकर्षण था, लेकिन अब वे अपने घर लौटने को मजबूर हैं.

एक और रेस्टोरेंट के मैनेजर कहते हैं, "सरकार की कई नीतियों में बदलाव हुआ है और इससे अधिक कुछ कहना सुविधाजनक नहीं होगा."

अमेरिकी सरकार के अनुसार चीन और रूस में काम कर रहे लगभग एक लाख कर्मचारियों से हर साल उत्तर कोरिया को लगभग 50 करोड़ डॉलर की विदेशी आय होती है. सिर्फ दानदोंग में ही हजारों की संख्या में उत्तर कोरियाई महिलाएं कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक फैक्ट्रियों में काम कर रही हैं. इनकी आय का एक बड़ा हिस्सा सीधे उत्तर कोरिया पहुंचता है.  

चीन की सोशल मीडिया पर हाल ही में वायरल हुये एक वीडियो में देखा गया कि किस तरह दानदोंग शहर की सीमा के गेट पर महिलाएं अपने देश वापस लौटने के लिए कागजी कार्यवाही पूरी कर रही हैं और अपने देश लौटने का इंतजार कर रही हैं.

पिछले महीने प्योंगयांग ने 6ठा और सबसे बड़ा न्यूक्लियर टेस्ट किया था. इसके बाद यू.एन ने उत्तर कोरिया पर लगाये गये प्रतिबंधों को और कड़ा किया जिसके अंर्तगत उत्तर कोरिया से बाहर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या को सीमित किया गया है.

यू.एन ने अपने नये प्रतिबंधों में उन देशों को उत्तर कोरियाई कामगारों के लिए नये परमिट जारी करने पर रोक लगायी गयी है जहां उत्तर कोरिया के लोग काम करते हैं. फिलहाल उत्तर कोरिया के 93000 कामगार विदेशों में काम करते हैं.

मध्यपूर्व के देशों के साथ ही रूस और चीन में निर्माण क्षेत्र में लगे उत्तर कोरियाई कामगार अपने देश के लिए बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित करते हैं. विश्लेषकों का कहना है कि इस रोक का तुरंत असर तो नहीं दिखेगा लेकिन आने वाले समय में उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ेगा.

एसएस/एनआर(रॉयटर्स)