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चीन में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को भारत से प्रेरणा

१३ जून २०११

वेबसाइट पर रिश्वत देने की बात कबूल करते हुए चीन के नागरिक भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ छिड़े आंदोलन से सबक ले रहे हैं. आम तौर पर चीन से पिछड़े भारत पर चीनी लोग कम ही ध्यान देते हैं, लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है.

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Customers wait at a branch office of China Construction Bank Wednesday, March 16, 2005 in Shanghai, China. The chairman of China Construction Bank, the country's top housing lender, Zhang Enzhao, has quit following reports of a corruption scandal. The Chinese characters on the door read: "China Construction Bank." (AP Photo/Eugene Hoshiko)
तस्वीर: AP

भ्रष्टाचार के मामले में चीन की हालत भारत से बेहतर है. ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की 2010 की सूचकांक तालिका में 178 देशों के बीच भारत 87वें स्थान पर है, जबकि चीन उससे ऊपर 78वें स्थान पर है. लेकिन भ्रष्टाचार औपचारिक रूप से इस कम्युनिस्ट देश में एक भारी समस्या बनता जा रहा है.

'मैंने रिश्वत दी है'

"यह मत समझना कि मैं अपनी अमीरी का ढोल पीट रहा हूं. बात यह है कि जमाने के इस दौर के सामने मैं बिल्कुल लाचार हूं." - यह कहना है रिश्वतखोरी को उजागर करने वाली एक वेबसाइट पर एक व्यापारी का, जिन्होंने विस्तार से बताया है कि किस तरह उन्हें एक सरकारी ऑर्डर पाने के लिए अधिकारियों को लगभग पांच लाख डॉलर की रिश्वत देनी पड़ी और एक अधिकारी के लिए यूरोप यात्रा का बंदोबस्त करना पड़ा.

"मैने रिश्वत दी है" नामक एक वेबसाइट में मांग की गई है कि गलत तरीके से मुनाफा कमाने का रुझान छोड़ते हुए उचित प्रतिस्पर्धा का वातावरण तैयार किया जाए और एक न्यायपूर्ण चीन के सपने को पूरा किया जाए. वेबसाइट में लोगों से अपील की गई है कि वे इमानदारी के साथ रिश्वत देने के अपने तजुर्बों के बारे में बताएं.

Indian activist Anna Hazare, 73, center, activist Swami Agnivesh, right, and yoga guru Ramdev applaud as supporters perform during Hazare's hunger strike against corruption in New Delhi, India, Friday, April 8, 2011. Hazare, harnessing the tactics of Mohandas K. Gandhi, has galvanized public anger at rampant corruption with a high-profile hunger strike demanding the government adopt immediate reforms. (AP Photo/Saurabh Das)
भारत में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का इन दिनों खासा बोलबाला हैतस्वीर: AP

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से बार बार भ्रष्टाचार मिटाने पर जोर दिया जाता रहा है. दूसरी ओर पकड़े जाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों की कतार से संकेत मिलता है कि इस मामले में बहुत अधिक सफलता नहीं मिली है. चीन में भ्रष्टाचार के मामले में मौत की सजा का भी प्रावधान है, बाबा रामदेव भारत में जिसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन व्यापक स्तर पर फैले हुए भ्रष्टाचार पर शायद ही इसका कोई असर पड़ा है.

क्या कहीं उम्मीद है

एक मेसेज में कहा गया है कि रिश्वत का कोई विकल्प नहीं है. नौकरी पाने के लिए रिश्वत देने वाले एक शिक्षक का कहना है, "अपने भोलेपन में आप हर बार सोचते हैं कि कायदे से काम करते हुए आप कुछ पा सकते हैं, लेकिन फिर आपको पता चलता है कि रिश्वत दिए बिना कोई फाइल आगे नहीं बढ़ती."

चीन सरकार ने कई ऐसी वेबसाइटों को बंद कर दिया है. "मैने रिश्वत दी है" वेबसाइट में एक मेसेज में आशंका जताई गई है कि इसे भी बंद कर दिया जाएगा. कहा गया है कि चीन की हालत भारत की तरह नहीं है. अगर सरकार इस वेबसाइट को जारी रहने देती है तो थोड़ी सी उम्मीद बची रहेगी. अगर इसे बंद कर दिया जाता है, फिर कोई उम्मीद नहीं रहेगी.

चीन में दुनिया के सबसे अधिक, यानी 45 करोड़ लोग इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं. सेंसरशिप के बावजूद यह भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी राय जाहिर करने का एक उपयोगी माध्यम बना हुआ है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ए कुमार

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