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चीन में और छह को मौत की सज़ा

१५ अक्टूबर २००९

चीन के शिंचियांग प्रांत में तीन महीने पहले हुए दंगों के सिलसिले में गुरुवार को छह और लोगों की मौत की सज़ा सुनाई गई. प्रांतीय राजधानी उरुमछी की अदालत ने हिंसा में शामिल छह लोगों की उम्र क़ैद की भी सज़ा सुनाई.

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दंगों में मार गए सैंकड़ों लोगतस्वीर: AP

शिंचियांग दंगों के सिलसिले में अब तक कुल 12 लोगों को सज़ा ए मौत हो चुकी है. चीन के शिंचियांग प्रांत की राजधानी उरुमछी में पांच जुलाई को अल्पसंख्यक मस्लिम उइघुरों ने बहुसंख्यक हान चीनियों को निशाना बनाया और शहर भर में तोड़फोड़ की. एक फ़ैक्ट्री में दो उइघुरों की मौत से ग़ुस्साए लोगों की इस हिंसा में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ 197 लोग मारे गए और 1600 ज़ख्मी हो गए. हिंसा के दो दिन बाद हान चीनियों ने उइघुरों पर धावा बोला, इसमें कितने लोग मारे गए, अब तक सही सही नहीं पता लगा है.

इन्हीं दंगों के सिलसिले में कुल 21 लोगों पर मुक़दमा चल रहा है जिनमें से अब तक 12 को मौत की सज़ा दी जा चुकी है. इनमें छह लोगों को सोमवार को ही मृत्युदंड दिया जा चुका है. छह लोगों को गुरुवार को मौत की सज़ा दी गई. इनमें से तीन सज़ाओं पर दो साल तक रोक रहेगी जिन्हें बाद में उम्रक़ैद में बदला जा सकता है. गुरुवार को मौत की सज़ा पाने वालों में हान चुनपो नाम का एक हान चीनी भी है जिस पर एक उइघुर को पीट पीटकर मार डालने का आरोप है, जबकि लिउ पो नाम के एक अन्य हान चीनी को 10 साल क़ैद की सज़ा दी गई है.

सज़ा पाने वालों में ज़्यादातर उइघुर बताए जाते हैं. इसीलिए निर्वासन में रह रहे उइघुर नेताओं ने इन सज़ाओं पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि मुक़दमे का सामना कर रहे उइघुरों को न तो अपनी पसंद का वकील चुनने दिया गया और न ही उन्हें अपने परिवारों से मिलने दिया गया. वर्ल्ड उइघुर कांग्रेस ने एक एक बयान में कहा है कि चीन में दी गई ये सज़ाएं ख़राब स्थिति को और बिगाडेंगी. कोई भी उइघुर इस तरह के मनमाने न्याय को बर्दाश्त नहीं करेगा. अमेरिका में रहने वाली उइघुर कांग्रेस की नेता रेबिया क़दीर ने कहा है कि मौत की सज़ाओं से लोगों का ग़ुस्सा और बढ़ेगा. बताया जाता है कि मुक़दमे का सामना करने वाले 21 लोगों के अलावा पुलिस ने 700 और लोगों को हिरासत में रखा हुआ है.

उधर चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने ख़बर दी है कि चीनी राष्ट्रपति हू चिंथाओ समेत सभी बड़े नेता इस बात पर क़ायम है कि उरुमछी में हुई हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों को बख़्शा नहीं जाएगा.

रिपोर्टः एजेंसियां ए कुमार

संपादनः ए जमाल