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चीन के लिए चमकने का मौका

७ अक्टूबर २०१३

सोमवार को जब एशिया प्रशांत के नेताओं ने सालाना आर्थिक सम्मेलन का आगाज किया तो वैश्विक विकास पर अमेरिकी सरकार की बंदी के काले बादलों के बीच चीन ने बिजली की तरह लपक कर कमान संभाली.

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तस्वीर: Reuters

अमेरिकी सरकार की बंदी ने राष्ट्रपति बराक ओबामा को इस हफ्ते इंडोनेशिया के बाली में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग(एपेक) सम्मेलन और ब्रुनेई में पूर्वी एशिया के नेताओं के सम्मेलन में शामिल होने से रोक लिया. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति ओबामा प्रशांत क्षेत्र में नए सिरे से अपनी भूमिका बढाना चाहते हैं लेकिन उनकी गैरमौजूदगी ने निश्चित रूप से चीन को अपना बिगुल बजाने का मौका दे दिया. एक राजनीतिक दल के शासन वाला चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी है.

इंडोनेशियाई अखबार जकार्ता पोस्ट को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, "विश्व अर्थव्यवस्था गहरे बदलाव के दौर में प्रवेश कर रही है," लेकिन चीन इसे "दुनिया के सबसे गतिशील और सबसे आशाजनक इलाके" के हिस्से के रूप में अच्छे दिनों की ओर ले जाने के लिए तैयार है. साम्यवादी नेता पूरे दक्षिण पूर्व एशिया का दौरा कर रहे हैं जहां चीन की क्षेत्रीय आकांछाओं को लेकर बड़ी अशांति है. चीनी नेता ने इंडोनेशिया और मलेशिया के साथ अरबों डॉलर के करार कर मुक्त कारोबार के फायदों का भी डंका पीट दिया है. चीन 16 पूर्वी एशियाई देशों के कारोबारी गुट के साथ भी बातचीत कर रहा है जो अमेरिका के ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप यानी टीपीपी का एक तरह से प्रतिद्वंद्वी है. इस गुट के 12 सदस्य देश मुश्किल में हैं.

APEC Gipfel Bali Indonesien
तस्वीर: Reuters

अमेरिका के सहयोगी देश ओबामा की राजनीतिक दुहाई पर सहानुभूति रखते हैं लेकिन सिंगापुर जैसे देश इस बात से निराश हैं कि राष्ट्रपति के रूप में ओबामा टीपीपी के लिए जितना कर सकते थे, नहीं किया. विदेशी दोस्त और प्रतिद्वंद्वी के अलावा वित्तीय बाजार भी फिलहाल अमेरिकी बंदी से भी बड़े खतरे की आशंका से सहमे हुए हैं. यह खतरा है अमेरिका के कर्ज की किश्त अदायगी में नाकाम रहने का जो 17 तारीख तक अमेरिकी कर्ज की सीमा न बढ़ाने की स्थिति में होना तय है. मेक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने एपेक सम्मेलन में कहा, कर्ज भुगतान में अमेरिका की ऐतिहासिक नाकामी का असर, "अमेरिका के साथ मजबूत भौगोलिक और आर्थिक संबंध रखने वाले देशों पर ही नहीं बल्कि पूरी धरती पर होगा." रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी सम्मेलन के लिए जमा हुए कारोबारी नेताओं के बीच ऐसी ही आशंका जता चुके हैं, "अमेरिका का डॉलर आज भी दुनिया की सबसे बड़ी रिजर्व मुद्रा है, तो हम सबके लिए यह बहुत जरूरी है."

हालांकि एपेक में ओबामा की जगह आए जॉन केरी का कहना है कि रिपब्लिकनों के साथ खींचतान महज "एक राजनीतिक पल" है और इससे अमेरिका अपने रणनीतिक लक्ष्यों से दूर नहीं होगा. केरी ने कारोबारियों से कहा, "मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि ऐसा कुछ नहीं है जो एशिया को पुनर्संतुलन की ओर ले जा रहे ओबामा की प्रतिबद्धता को हिला सके." एपेक के विदेश और व्यापार मंत्रियों ने बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका ऐसे वक्त में राजनीतिक बाधा झेल रहा है जब दुनिया 2008 के वित्तीय संकट के बाद और ज्यादा अस्थिरता झेलने की स्थिति में नहीं है.

APEC Staatssekretär John Kerry
तस्वीर: Reuters

ओबामा ने दौरा रद्द करने के पहले बाली में मंगलवार को टीपीपी देशों की शीर्ष बैठक में शामिल होकर उसमें अपने रुतबे का इस्तेमाल करने की बात कही थी. अब टीपीपी की गतिविधियां जोर पकड़ेंगी इस पर संदेह है और ओबामा के न आने से भी एक खालीपन है. मलेशियाई राष्ट्रपति नजीब रजाक का कहना है कि एपेक में शामिल होना, "अमेरिका और खुद राष्ट्रपति ओबामा के लिए एशिया के नए संदर्भ में नेतृत्व दिखाने एक सुनहरा मौका था." ओबामा को अपनी मलेशिया और फिलीपींस की यात्रा भी रद्द करनी पड़ी है.

एनआर/एमजे (एएफपी)

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