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चिली के भूकंप लुटेरों से निपटने के लिए सेना

२ मार्च २०१०

चिली में भूकंप के बाद लुटेरों ने अराजकता फैला दी है. सेना की तैनाती के बाद भी स्थिति पर पूरी तरह क़ाबू नहीं पाया जा सका है और कई दुकानों में आग लगा दी गई या उन्हें लूट लिया गया. भूकंप से मरने वालों की संख्या 700 पार.

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कॉन्सेपशियॉन में सेनातस्वीर: AP

लातिन अमेरिकी देश चिली के दूसरे सबसे बड़े शहर कॉन्सेपशियॉन में मानो लड़ाई का माहौल छा गया है. लुटेरों को नियंत्रित करने के लिए सेना के जवान गश्त कर रहे हैं. इस बीच शहर के एक सुपर मार्केट में लूटेरों की सफ़ाई के बाद वहां आग लगा दी गई.

उपद्रवियों ने पानी और पेट्रोल के लिए एक फ़ायर स्टेशन को भी लूट लिया. चिली में भूकंप के बाद पानी और पेट्रोल जैसी बुनियादी चीज़ों की तंगी हो गई है और ये कई गुना ज़्यादा दाम पर बिक रहे हैं. चिली में दो दिन पहले ज़बरदस्त भूकंप आया था. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 8.8 मापी गई. इसके बाद कई हिस्सों में सूनामी भी आया.

Chile Flash-Galerie Erdbeben Zerstörungen in Concepcion
लूटपाट करता एक व्यक्तितस्वीर: AP

कॉन्सेपशियॉन शहर के मेयर जैकलिन वैन राइज़ेलबर्ग ने लाचारगी जताते हुए कहा कि लुटेरे बेहद संगठित हैं और वे योजना बना कर अपना काम अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि शहर में और अधिक सुरक्षा बल भेजे जाएं. चिली की राष्ट्रपति मिशेल बशाले ने भूकंप को गहरी प्राकृतिक त्रासदी बताते हुए शहर के लिए 10,000 अतिरिक्त सैनिक भेज दिए हैं और कहा है कि उनकी सरकार वहां रसद और पानी पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है.

कॉन्सेपशियॉन शहर में रात का कर्फ़्यू लगा दिया गया है. भूकंप के अगले दिन से ही लुटेरों ने अपना तांडव शुरू कर दिया और कई जगहों पर लूट पाट की. भूकंप की वजह से शहर के कई सड़क बर्बाद हो गए हैं और बिजली की सप्लाई सही तरीक़े से नहीं हो पा रही है. चिली दुनिया का सबसे बड़ा तांबा उत्पादक देश है. समझा जाता है कि वहां स्थिति सामान्य होने में कई दिनों से लेकर कई महीने तक लग सकते हैं.

Erdbeben in Chile 2010 Flash-Galerie
मदद के मोहताज पीड़िततस्वीर: AP

चिली के भयानक भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 723 हो गई है. हालांकि हाल के सालों का यह सबसे बड़ा भूकंप है और तबाही का अंदेशा इससे कहीं बढ़ कर लगाया जा रहा है.

इस बीच मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम भी जारी है. राहत कर्मियों का कहना है कि कई इमारतों के नीचे लोग दबे हुए हैं और उन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है. कई जगहों पर लोग लापता हैं और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह