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चांसलर मैर्केल के लिए गठबंधन की कीमत

कातारीना क्रॉल
८ फ़रवरी २०१८

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल को चौथी बार सरकार बनाने के लिए गठबंधन का साथी मिल गया. एसपीडी ने हां कह दी है. लेकिन डॉयचे वेले की कातारीना क्रॉल का कहना है कि चांसलर और उनकी सीडीयू पार्टी को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है.

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Deutschland Koalitionsvertrag in Berlin | Merkel & Schulz & Seehofer
तस्वीर: Reuters/H. Hanschke

जिस पार्टी ने संसदीय चुनावों में सिर्फ 20.5 प्रतिशत के साथ ऐतिहासिक निम्नतम वोट पाया हो, उसने गठबंधन बनाने के लिए वित्त, विदेश और श्रम जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय हासिल किए हैं. वार्ता की कैसी कामयाबी. जो वित्त मंत्रालय में पैसे की नलकी खोल और बंद कर सकता है वह पूरी जर्मन सरकार की नीतियों पर नियंत्रण करता है. जो विदेश मंत्रालय में बैठता वह वह विश्व मंच पर भूमिका निभाता है और जर्मनी में वाहवाही पाता है. विदेश मंत्री आम तौर पर जर्मनी के सबसे लोकप्रिय राजनीतिज्ञों में शामिल होते हैं. और श्रम मंत्रालय पास होने का मतलब है कि एसपीडी अपने समर्थकों के लिए सामाजिक न्याय के मुद्दे को लागू कर पाएगी.

सीडीयू को चांसलर का पद और...

ऐसे में सवाल उठता है कि चुनाव में सबसे ज्यादा मत पाने वाली सीडीयू के लिए क्या बचा? सीडयू के पास चांसलर का पद है, लेकिन उसके बाद सारे महत्वपूर्ण मंत्रालय सहयोगी पार्टियों के पास हैं. सीडीयू के पास कोई भी महत्वपूर्ण मंत्रालय नहीं है. कोई साझा प्रोजेक्ट नहीं. हां, अंगेला मैर्केल को इसमें सफलता मिली है कि आखिरकार गठबंधन संधि हुई. उन्होंने देश और देश की स्थिरता के हित में यह किया है. विदेशों में इसे सराहा जा रहा है, लेकिन घर पर वह विजेता जैसी नहीं दिखतीं.

अंगेला मैर्केल का दरअसल वार्ता की मेज के उस्ताद के रूप में दुनिया भर में आदर होता है. लेकिन उन्हें ये गठबंधन वार्ता रणनैतिक तौर पर बहुत ही मुश्किल स्थित से करनी पड़ी. लिबरल एफडीपी और ग्रीन पार्टी के साथ गठबंधन सरकार बनाने की उनकी कोशिश पिछले साल नवंबर में ही विफल हो गई थी. अब समय का दवाब था. अंतरराष्ट्रीय तौर पर जर्मनी इस समय फैसला लेने की स्थिति में नहीं है और जर्मनी में जनता सरकार बनने में लंबे इंतजार से परेशान है. इसके अलावा पार्टी के अंदर से भी हमले हो रहे हैं, यहां तक कि उत्तराधिकारी पर भी अटकलें लगी हैं. एसपीडी अंगेला मैर्केल की अंतिम रक्षक है. लेकिन उसे आम सदस्यों की मंजूरी लेनी थी, इसलिए उसके पास दबाव देने की क्षमता थी.

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कातारीना क्रॉल

सीडीयू प्रमुख अंगेला मैर्केल के लिए गठबंधन वार्ता में बड़ी कामयाबी के लिए ये कोई अच्छी शर्त नहीं थी. इसके अलावा ये बात भी थी कि अंगेला वमैर्केल का ये निश्चित तौर पर आखिरी कार्यकाल होगा. उन्हें इसका इस्तेमाल अपने उत्तराधिकार के नियमन के लिए करना होगा. लेकिन कौन किस मंत्रालय में खुद को साबित कर पाएगा और लोकप्रिय हो पाएगा.

एसपीडी के लिए नई शुरुआत

एसपीडी की स्थिति ठीक विपरीत है. मार्टिन शुल्त्स ने स्थिति की गंभीरता को समझा है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया है. उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे थे. उन्होंने कई रणनैतिक गलतियां की. उनकी पार्टी नई शुरुआत करना चाहती है और उसे इसका मौका मिल रहा है. संदह में पड़े सदस्यों के लिए जोरदार संकेत.

खुद अपने लिए शुल्त्स ने विदेश मंत्रालय पक्का कर लिया है. ये वह काम है जिस पर उनकी पहले से ही नजर थी. वे यूरोपीय मामलों के विशेषज्ञ हैं, विदेश नीति उनका विषय है. वे इस दुनिया के बड़े लोगों को जानते हैं, वे अंतरराष्ट्रीय विवादों को जानते हैं, वे कूटनीति की उच्च कला के सालों से माहिर हैं. जब मार्टिन शुल्त्स यूरोप के बारे में बोलते हैं तो लोगों को महसूस होता है कि शब्द उनके दिल से निकल रहे हैं. घरेलू मामलों मे अक्सर ऐसा नहीं रहा है. उनके चुनाव प्रचार ने भी यही दिखाया है.

अब एसपीडी के सदस्यों को गठबंधन समझौते को मंजूरी देनी है. इसका मतलब है कि और चार हफ्तों का इंतजार. एसपीडी के वार्ताकारों और मार्टिन शुल्त्स ने अपने ठोस कदमों से शायद इसे संभव बना दिया है.

अंगेला मैर्केल इस समझौते के साथ अपने चौथे चांसलर कार्यकाल और पद से विदाई के एक कदम करीब आ गई है.