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चांद पर बर्फ़

३ मार्च २०१०

चांद के कितने राज़ हैं, वैज्ञानिकों को समझने में भले ही और वक़्त लगे लेकिन भारत के पहले चंद्र मिशन से यह बात तो साबित हो गई है कि चांद पर पानी भी है और बर्फ़ भी. चंद्रयान में लगे नासा के रडार ने चांद पर बर्फ़ खोज निकाला.

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60 करोड़ मिट्रीक टन बर्फ़ की संभावनातस्वीर: picture-alliance / Helga Lade Fotoagentur GmbH

भारत के पहले चांद मिशन चंद्रयान के साथ नासा का एक रडार 'मिनी सार' भी लगा था. इसी ने पता लगाया कि चांद पर बर्फ़ से भरे कम से कम 40 गड्ढे हैं और इनका व्यास दो किलोमीटर से लेकर 15 किलोमीटर तक हो सकता है.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक बयान जारी कर कहा कि इस जानकारी के बाद भविष्य के लिए नया रास्ता खुल सकता है और आने वाले दिनों में खोज करने का तरीक़ा बदल सकता है. नासा ने उम्मीद जताई है कि चांद पर 60 करोड़ मिट्रीक टन बर्फ़ हो सकता है.

Indien schickt Raumsonde zum Mond
इसरो मिशनतस्वीर: picture-alliance/dpa

वैज्ञानिकों का कहना है कि नई जानकारी सामने आने के बाद चांद और चौंकाने वाला बन गया है. बरसों से चांद के राज़ समझने में लगा वैज्ञानिक समुदाय अब तक इसके बारे में कोई ख़ास जानकारी हासिल नहीं कर पाया है. नासा के मिनी सार से जुड़े वैज्ञानिक पॉल स्पूडिस कहते हैं कि जो तस्वीरें मिल रही हैं, उससे लगता है कि चांद पर पानी तैयार हो रहा है, बह रहा है और वह जम रहा है, फिर पिघल रहा है.

चंद्रयान 1 पर लगे नासा के इस रडार ने ऐसी तस्वीरें उतारी हैं, जिन्हें पृथ्वी पर से नहीं देखा जा सकता है. जियोफ़िज़िकल जर्नल में इस खोज की सभी परतों को प्रकाशित किया जा रहा है, इसके मुताबिक़ जो पदार्थ पाए गए हैं, वे बिलकुल बर्फ़ की तरह हैं. नासा ने पुष्टि की है कि चांद पर कई अवस्था में पानी पाया गया है.

अपनी दूधिया रोशनी और शीतल चांदनी की वजह से चांद हर किसी को प्यारा है लेकिन इसमें उतने ही राज़ भरे हैं. कहीं इसकी चांदनी की शीतलता का राज़ इस पर जमा पानी और बर्फ़ तो नहीं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एस गौड़