चांद की कक्षा में पहुंचा भारत का चंद्रयान
८ नवम्बर २००८इसके बाद चंद्रयान-1 भारतीय समयानुसार शाम लगभग सवा पांच बजे कक्षा में स्थापित हो गया. अब चांद से चंद्रयान-1 की दूरी 504 किलोमीटर की है.चंद्रयान-1 के प्रक्षेपण के बाद इसका चांद की कक्षा में प्रवेश भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) के लिए अगली चुनौती माना जा रहा था. शनिवार को कक्षा में सफल प्रवेश के बाद इसे इसरो के लिए बड़ी क़ामयाबी माना जा रहा है. चंद्रयान-1 अब चांद के गुरूत्वाकर्षण के दायरे में पहुंच गया है. उम्मीद है कि इस मंगलवार तक चंद्रयान चांद के और नज़दीक पहुंचेगा और तब ये पृथ्वी के दीर्घ वृत्ताकार कक्षा से और नज़दीक जाएगा.
इसरो के अनुसार चंद्रयान-1 के सभी उपकरण सही काम कर रहे हैं और 31,000 किलोमीटर की दूरी से तस्वीरें खींची गई हैं. अंतरिक्ष से भारत के चंद्रयान-1 ने कुछ ही दिन पहले अपनी पहली तस्वीरें भेजी थी. चंद्रयान-1 उपग्रह के साथ 11 उपकरण और है जिनमें 5 उपकरण भारत के और 6 उपकरण अमरीका, यूरोप औऱ बुल्गारिया के हैं.
भारत ने अपने पहले मानवरहित अतंरिक्ष यान चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था. इसरो की इस परियोजना को काफ़ी महत्वाकांक्षी माना जा रहा है. 386 करोड़ रूपए की इस परियोजना को सरकार ने पांच साल पहले ही अनुमति दे दी थी लेकिन ये ऐतिहासिक प्रक्षेपण कई कारणों से बार बार टलता रहा है.
चंद्रमा की सतह पर उपस्थित खनिज और वातावरण की जानकारी एकत्र करेगा. चंद्रयान-1 मिशन साथ ही इस बात की भी जांच करेगा कि चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए किस तकनीक की ज़रूरत होती है.भारत का मानना है कि अंतरिक्ष में अनुसंधान और खोज के उसके प्रयासों में चंद्रयान-1 का सफल प्रक्षेपण एक बड़ी सफलता होगी.