चंद्रयान का धरती से संपर्क टूटा
२९ अगस्त २००९पिछले साल अक्तूबर में छोड़े गए चंद्रयान वन के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि इससे कोई संपर्क ही नहीं हो पा रहा है और इससे कोई आंकड़े नहीं मिल पा रहे हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के एक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट दी है कि संपर्क कट गया है. रिपोर्ट में कहा गया, "हम चंद्रयान से संपर्क नहीं बना पा रहे हैं. हमें कोई आंकड़े नहीं मिल पा रहे हैं. हम कोई कमांड नहीं दे पा रहे हैं."
अधिकारी ने कहा, "आम भाषा में कहें तो चंद्रयान गूंगा हो गया है. यह बोल नहीं पा रहा है."
इस बीच इसरो के प्रवक्ता एस सतीश ने बताया कि शनिवार आधी रात क़रीब साढ़े बारह बजे तक चंद्रयान से आंकड़े मिले हैं. उन्होंने कहा कि चंद्रयान की गड़बड़ी के बारे में पता लगाया जा रहा है और जल्दी ही इस पर और जानकारी दी जा सकेगी.
इसरो का अंतरिक्ष नेटवर्क बैंगलोर से क़रीब 40 किलोमीटर दूर बयालालू में है और बताया जाता कि पिछले कई घंटों में इसका चंद्रयान से संपर्क नहीं है. अंतरिक्ष वैज्ञानिक इस मामले की जांच कर रहे हैं.
भारत ने 22 अक्तूबर, 2008 को चेन्नई के पास श्रीहरिकोटा से अपने पहले चांद मिशन की शुरुआत की थी, जब चंद्रयान वन को छोड़ा गया था. इस तरह चंद्रयान लगभग 312 दिन अपनी कक्षा में बना रहा और चांद के चारों ओर उसने लगभग 3400 चक्कर लगाए. इस दौरान इसने भारतीय अंतरिक्ष संस्थान को कई महत्वपूर्ण आंकड़े जुटा कर दिए.
इससे पहले जुलाई में भी चंद्रयान में तकनीकी ख़राबी आई थी. उस वक्त इसने एक अहम सेंसर खो दिया था. हालांकि इसरो के मुखिया जी माधवन पहले ही कह चुके हैं कि चंद्रयान ने अपना ज़्यादातर काम कर लिया है और अगर यह अपने निर्धारित वक्त को पूरा नहीं भी कर पाया तो भी कोई बात नहीं. भारत के चंद्रयान को दो साल तक चंद्रमा के गिर्द घूमना था.