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अलोकप्रिय कानून पास करना ग्रीस की मजबूरी

आरपी/एमजे (रॉयटर्स,एएफपी)९ मई २०१६

ग्रीस की संसद ने कर्जदाता देशों की बैठक से पहले को पेंशन और टैक्स सुधार कानून पास कर दिया. व्यापक विरोध के बावजूद देश की वामपंथी नेतृत्व सरकार को अंतरराष्ट्रीय कर्ज की शर्तों के तहत इन्हें लागू करना पड़ा.

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Griechenland Athen Parlament Alexis Tsipras
तस्वीर: Reuters/A. Konstantinidis

सोमवार को ग्रीस को कर्ज की अगली किस्त पर चर्चा के लिए यूरोजोन के वित्त मंत्रियों की बैठक से कुछ ही घंटे पहले ग्रीस की संसद ने पेंशन में कटौती और टैक्स में वृद्धि के कानून को पास किया. आर्थिक सुधारों और बेलआउट के मुद्दे पर इसे एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है. ग्रीस के प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रास ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे सामने देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण मौका है, एक दुष्चक्र को तोड़ने और एक भले चक्र में प्रवेश करने का."

ग्रीस की राजधानी एथेंस में संसद के बाहर हुए हिंसक प्रदर्शनों के बावजूद संसद के भीतर चली लंबी बहस में इन प्रस्तावों को मंजूरी मिल ही गई. संसद के बाहर जमा हजारों प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर नियंत्रण के लिए पुलिस को आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. उग्र भीड़ ने पुलिस पर पेट्रोल बम फेंके थे.

इन सुधारवादी कदमों के तहत अतिरिक्त टैक्स लगाया जा रहा है ताकि ग्रीस बजट के 3.5 फीसदी सरप्लस के लक्ष्य को पाने जितनी बचत कर सके. ब्याज चुकाने की समय सीमा 2018 में पूरी हो रही है. उस किश्त को चुकाने के बाद ग्रीस के लिए बॉन्ड बाजार में दोबारा प्रवेश करना और कर्ज के भार को संभालने योग्य सीमा में लाना संभव हो सकेगा.

300 सीटों वाली ग्रीक संसद में सत्ताधारी गठबंधन के सभी 153 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया. सिप्रास सरकार को विपक्षी दलों के गहरे विरोध का भी सामना करना पड़ा. प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा गया कि पेंशन घटाने और टैक्स बढ़ाने के फैसले से मंदी आएगी. मितव्ययिता के कदमों से ग्रीस की जनता पहले से ही परेशान हुई है.

सितंबर 2015 में सिप्रास की पार्टी को ग्रीस की जनता ने दोबारा जिताकर प्रधानमंत्री पद के लिए चुना. सिप्रास इस वायदे के साथ वापस आए कि वे गरीबों के लिए बचत से पैदा होने वाला बोझ हटाएंगे और पेंशन पाने वालों को सुरक्षा देंगे. पिछली जुलाई में ग्रीस को यूरोजोन में बनाए रखने के लिए उन्होंने नए बेलआउट पैकेज पर हस्ताक्षर किए थे. इस पैकेज का लक्ष्य था जीडीपी के तीन फीसदी के बराबर बचत करना. और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ऊंची आमदनी वालों के लिए आयकर बढ़ाने और कम से कम लोगों को टैक्स से छुटकारा दिए जाने का फैसला हुआ. इसके अलावा सॉलिडैरिटी टैक्स को भी बढ़ा दिया गया है.

भविष्य में और भी कुछ नए टैक्स लगाने का प्रस्ताव चर्चा में हैं. ग्रीस में वैट यानि वैल्यू ऐडेड टैक्स को बढ़ाने के अलावा, ईंधन, तंबाकू, होटल में रहने और इंटरनेट के इस्तेमाल जैसी चीजों पर अतिरिक्त टैक्स लगाए जा सकते हैं. ग्रीस ने केवल वही किया है जिसका उसने वादा किया था. अब उसे उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय देश ग्रीस के कर्जों को लेकर कोई उपाय करेंगे. पिछले साल तमाम शर्तों के साथ यूरोजोन के नेता ग्रीस को 86 अरब यूरो की बेलआउट डील पर सहमत हुए थे. इसके तहत यूरोजोन की सरकारें 86 में से करीब 40 से 50 अरब यूरो का योगदान करेंगी. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एक बड़ी राशि उपलब्ध कराएगा और बाकी रकम ग्रीस की सरकारी संपत्ति को बेचकर और वित्तीय बाजारों से जुटाई जानी है.