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ग्रीस के खेतों में उम्मीद की फसलें

२६ नवम्बर २०१३

खेतों और गांवों को सूना कर जो लोग शहरों में चले गए थे, बेरोजगारी बढ़ने के बाद वापस उन्हीं इलाकों में लौट रहे हैं. दिवालियेपन की कगार पर पहुंच चुके ग्रीस के खेतों से निकली चीजें शायद हालात बदल दें.

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तस्वीर: American Farm School

माउंट ओलंपस की ढलान के नीचे ग्रीस के पौराणिक देवताओं का घर माना जाता है और यहां रहने वालों की सदियों पुरानी जीवनशैली पशुपालन और खेती से जुड़ी है. करीब करीब दिवालिया हो चुके और यूरोपीय संघ के राहत पैकेज के दम पर चल रहे देश को अब यह और इस जैसे दूसरे इलाके बेहतरी की उम्मीद दिखा रहे हैं.

फोतियादिस फार्म के चेयरमैन निकोस फोतियादिस कहते हैं, "हमारी धरती यूरोप के सबसे साफ इलाकों में एक है, जहां कि ना तो मिट्टी खराब है ना पानी." 1925 में बहुत छोटे स्तर पर शुरू हुआ अब यह फार्म आधुनिक सुविधाओं से लैस हो चुका है जहां खाने पीने की चीजों को पैदा करने के साथ ही उनकी प्रोसेसिंग का भी पूरा इंतजाम है. फोतियादिस ने बताया, "यहां की जलवायु में पैदा हुई चीजों का स्वाद गजब का है अब वो चाहे फल हों, सब्जियां, तेल, मांस या फिर दूध."

American Farm School in Thessaloniki, Griechenland
तस्वीर: American Farm School

यह इलाका राजधानी एथेंस के उत्तर में करीब 450 किलोमीटर दूर कातरिनी शहर के पास है. ग्रीस पहले किसानों का ही देश रहा है लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद के दौर में यह बहुत तेजी से बदला और इसका ध्यान खनन, निर्माण और पर्यटन में लग गया. खेत छोड़ दिए गए, गांव के गांव खाली हो गए लेकिन अब ग्रीस के लोग शहरों में रोजगार ना मिलने के बाद वापस गांवों का रुख कर रहे हैं. कृषि मंत्री अथानासियोस साफ्तारिस ने बताया, "सबसे ज्यादा निर्यात की जाने वाली 10 चीजों में पांच खेती से हासिल होने वाली हैं. जैतून का तेल, मछली, वाइन, फल और फेटा चीज है. हमारी कई पारंपरिक चीजें जैसे कि दही, जैतून और अचार वास्तव में बेहद फायदेमंद हैं. यही वजह है कि अमेरिका जैसे दूर दराज के बाजारों में भी इनकी काफी मांग है."

ग्रीस के एविया द्वीप में एक अंजीर के फार्म की मैनेजर कैथरीना नॉर्मन कहती हैं, "खाद्य उत्पादन की हमारी क्षमता बहुत ज्यादा है और (फॉर्म को) सफल होने के लिए बड़ा होना जरूरी नहीं है." नॉर्मन के परिवार ने यहां आज से कोई 35 साल पहले फार्म शुरू किया था. पारंपरिक चीजों के अलावा और चीजों की खेती भी इनमें शामिल हुई है. इस दशक की शुरुआत तक ग्रीस के लिए कुकुरमुत्ता एक अनजान चीज था लेकिन पिछले तीन साल में हुई खोजों ने देश के उत्तरी हिस्से को इसकी खेती के लिए शानदार जगह बना दिया है. फ्रांस, इटली और स्पेन के बाद अब ग्रीस भी मशरूम पैदा करने वाले प्रमुख देशों में शामिल हो गया है. अपनी खास खुशबू की वजह से यहां के मशरूम दुनिया भर के रसोइयों को भाते हैं. बलूत और दूसरे पेड़ों की जड़ों में इन्हें बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है. हालांकि इसकी प्रक्रिया थोड़ी मुश्किल है और फसल हासिल करने में दशकों भी लग सकते हैं.

खेती किसानी से हासिल होने वाले इन सामानों के लिए देश के बाहर तो मांग है लेकिन घरेलू बाजारों में इनके ज्यादा खरीदार नहीं. लोगों की जेब में पैसा नहीं है और आने वाले दिनों में तुरंत हालात बदलने की उम्मीद नहीं है. फिलहाल 13 लाख ग्रीसवासी बेरोजगार हैं और औसत लगा कर देखा जाए तो करीब हर परिवार का एक सदस्य बेरोजगार है.

एनआर/ओएसजे (एएफपी)