गोली से तेज कार
१८ अक्टूबर २०१२आवाज से तेज गति हासिल करने वाले ब्रिटिश रफ्तार के राजाओं को शिकस्त देने के लिए बनाई खास बुलेट कार का पहला हिस्सा गुरुवार को दुनिया के सामने लाया गया. रॉस्को मैक ग्लासन ने 12 साल की उम्र में ही सबसे तेज कार चलाने का सपना देखा था. यह वो वक्त था जब ब्रिटेन के डोनाल्ड कैम्पबेल ने ऑस्ट्रेलिया के लेक आयर में 645 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चला कर सबसे तेज गति का रिकॉर्ड बनाया.
इसके बाद से यह रिकॉर्ड कई बार तोड़ा गया और फिलहाल सबसे तेज रफ्तार का रिकॉर्ड 1228 किलोमीटर प्रति घंटा है जो ब्रिटेन के ही एंडी ग्रीन ने 1997 में बनाया. मैक ग्लाशन मानते हैं कि वह इससे तेज जा सकते हैं करीब 1610 किलोमीटर प्रति घंटे तक. 2 लाख हॉर्स पावर की ताकत वाली अपनी इनवेडर 5आर के जरिए यह रफ्तार हासिल करने का लक्ष्य उन्होंने बनाया है. रॉकेट तकनीक के इस्तेमाल से इस रफ्तार को हासिल करने की कोशिश 2014 में पहली बार जमीन पर उतरेगी.
इसी हफ्ते ऑस्ट्रिया के फेलिक्स बाउमगार्टनर ने बिना मशीन के इंसान की सबसे तेज गति को हासिल करने का रिकॉर्ड बना कर सुर्खियां बटोरी. बाउमगार्टनर की तरह ही मैक ग्लाशन भी मानते हैं कि इंसान की जानकारी और धैर्य की सीमाओं को आगे बढ़ाना जरूरी है. 62 साल के मैक ग्लाशन ने कहा, "बहुत सारे लोग कहेंगे कि यह महान है लेकिन इससे इंसान को क्या फायदा होगा. लेकिन इसके साथ बहुत सी चीजें जुड़ी हैं. भौतिकी, विज्ञान, तकनीक के जरिए कोई ऐसी चीज बनने जा रही है जो सबके लिए फायदेमंद होगी."
मैक ग्लाशन वी8 मोटरसाइकिलों की रेस में रहे हैं और फिर रॉकेट की ताकत से चलने वाली गा़ड़ियों के मशहूर स्पीडवे रेसों में चार दशक. हंसते हुए मैक ग्लाशन कहते हैं कि उन्होंने रफ्तार के मामले में दुनिया की सबसे लंबी ट्रेनिंग की है. रफ्तार का नया रिकॉर्ड बनाने की कोशिश में मैक ग्लाशन अकेले नहीं हैं. एंडी ग्रीन भी 1610 किलोमीटर की रफ्तार हासिल करने के लिए अपनी हाइब्रिड ब्लडहाउंड एसएससी को तैयार कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच रफ्तार का मुकाबला बहुत हद तक क्रिकेट के मैदान जैसा ही है. मैक ग्लाशन कहते हैं, "यह देशभक्ति का ही एक हिस्सा है. जमीन पर रफ्तार का रिकॉर्ड हजार सालों से ब्रिटेन के पास है लेकिन हमने बहुत ताकतवर कार बनाई है और हम मानते हैं कि इस बार हम उनसे आगे निकल जाएंगे." दो अमेरिकी टीमें भी रफ्तार का रिकॉर्ड हासिल करने की होड़ में हैं. इनमें एक की कमान पहले रिकॉर्ड बना चुके क्रेग ब्रीडलोव के पास है लेकिन मैक ग्लाशन का कहना है कि इन लोगों ने अपनी नजर 1600 किलोमीटर प्रति घंटे से ऊपर की गति पर नहीं रखी है.
मैक ग्लाशन अगर सफल रहे तो उनकी रफ्तार गोली से भी तेज होगी और उनकी कार को शून्य से 1610 किलोमीटर की रफ्तार हासिल करने में महज 20 सेकेंड का समय लगेगा. इसके लिए उनकी खास कार 3 टन रॉकेट ईंधन का इस्तेमाल करेगी. करीब 42 लाख अमेरिकी डॉलर की कीमत वाली इनवेडर 5आर 16 मीटर लंबी है. इसमें तरल ऑक्सीजन और केरोसिन से बने एक जैव ईंधन का इस्तेमाल होता है. इसमें गुरुत्वाकर्षण से तीन गुनी ज्यादा ताकत और आवाज से तेज रफ्तार है.
कार में ईंधन पूरा भरा हो तो इसका वजन होगा करीब 9 टन. भारी वजन इसे जमीन से चिपकाए रखता है, साथ में आगे की तरफ नाक थोड़ी नीचे की ओर झुकी है और पीछे की तरफ दो डैने भी हैं जो जरूरत के हिसाब से मोड़े या खोले जा सकते हैं. यह सारी तैयारी इसलिए कि आसमान छूती रफ्तार में भी इसके पांव जमीन पर टिके रहें. इतनी तेज रफ्तार पर पहुंचना और उसे बनाए रखने के लिए खास तरह की तकनीक और सामान की जरूरत होती है साथ ही आपको यह करतब एक घंटे में दो बार करना होता है तब जा कर रेस में शामिल होने की मंजूरी मिलती है. इसका मतलब है 60 मिनट के भीतर कार को धीमा कर दोबारा ईंधन भरना और फिर वही रफ्तार हासिल करना.
मैक ग्लाशन 1996 में रिकॉर्ड बनाने से चूक गए. उस वक्त उन्हें इनवेडर 3 से 1035 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करनी थी. एक बार तो उन्होंने कमाल कर दिया लेकिन खराब मौसम के कारण दूसरी बार नहीं कर पाए. मैक ग्लाशन यह भी मानते हैं कि वह डर भी गए क्योंकि इसमें जोखिम भी कम नहीं. ग्लाशन खुद ही कहते हैं कि गाड़ी चलाने वाला शख्स किसी बम पर बैठा होता है जो किसी भी वक्त फट सकता है.
एनआर/एजेए (एएफपी)