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गूगल ने बंद कराई 250 साल पुरानी किताब

१४ मार्च २०१२

लंबे समय तक दुनिया में भरोसा करने वाली जानकारी का जरिया और मध्यमवर्गीय परिवारों की बैठकों में सम्मान पाती रही एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका का 244 साल पुराना किताबी सफर खत्म हो रहा है. अब बस डिजिटल अवतार रहेगा.

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तस्वीर: dapd

एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका को किताब के रूप में छापना अब बंद किया जा रहा है. किताब छापने वाली शिकागो की कंपनी ने एलान किया है कि अब वो पूरी तरह से डिजिटल अवतार में खुद को ढालने जा रही है. कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "छपे सेट को बंद करने के बारे में कुछ समय पहले ही सोच लिया गया था. प्रिंट पब्लिशर से डिजिटल लर्निंग का सामान रचने वाला बनने तक के सफर में आगे बढ़ने की दिशा में यह हमारा सबसे नया कदम है."

इतिहास बनी किताब

कई अंकों में छपी एनसाइक्लोपीडिया लंबे समय तक दुनिया को जानकारी देने वाली एक प्रमुख किताब रही है.1768 में स्कॉटलैंड से पहली बार छपी एन्साइक्लोपीडिया शुरू से ही किताब के रूप में थी. 1950 और 60 के दशकों में तो इसे सबसे महंगी किताबों में शुमार किया जाता था जिसकी कीमत आमतौर पर लोग किश्त में चुकाया करते थे. 1990 में इस किताब की सबसे ज्यादा बिक्री हुई. उस साल अमेरिका में एनसाइक्लोपीडिया की 1 लाख 20 हजार प्रतियां बिकी लेकिन इसके साथ ही इसकी बिक्री घटने लगी क्योंकि उसके बाद के दौर में इंटरनेट ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए. जानकारी जुटाने के लिए लोग एनसाइक्लोपीडिया की जगह विकीपीडिया के पास जाने लगे और इस कागजी सूचना केंद्र का असर कम होने लगा. हालत यह हो गई दरवाजे पर घूम घूम कर बेचते सेल्समैन के हाथों की सबसे नायाब चीज के रूप में पहचान बनाने वाली एनसाइक्लोपीडिया की 2010 में छपी 12000 कॉपियों में से केवल 8000 को ही खरीदार मिल सके. हालांकि इसके बावजूद यह जानकारी पाने का भरोसेमंद स्रोत बना हुआ है. फिलहाल इसके 32 अंक बाजार और ऑनलाइन संस्करण में मौजूद हैं. हार्ड कवर वाले सभी अंकों की एक प्रति की कीमत फिलहाल 1,395 अमेरिकी डॉलर है.

ब्रिटैनिका ने इस किताब का डिजिटल अवतार 1981 में लेक्सीजनेक्सीज के ग्राहकों के साथ शुरू किया. 1989 में पहली बार इसे सीडी के रूप में ढाल कर लोगों तक पहुंचाया गया. इंटरनेट पर 1994 में पहली बार इसने अपने कदम रखे. समय बीतने के साथ इसने अपना विस्तार कर खुद को स्कूली पाठ्यक्रम तक पहुंचा लिया है. ऑनलाइन संस्करण में कुछ चीजें मुफ्त में मिल जाती हैं जबकि बाकी जानकारियों के लिए सालाना फीस चुकानी पड़ती है. ब्रिटैनिका के मुताबिक हर साल दुनिया भर के 10 लाख लोग उसकी ऑनलाइन सेवा का इस्तेमाल करते हैं.

दुनिया भर के जानकार, वैज्ञानिक, शिक्षक और राजनेता ब्रिटैनिका के लिए जानकारी मुहैया कराते हैं इनमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी शामिल हैं. कंपनी के पास स्थायी रूप से 100 संपादक हैं. जो अलग अलग स्रोतों से मिली जानकारी को आगे कब और किस रूप में भेजना है यह तय करते हैं.

कंपनी के अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि विकिपीडिया या गूगल की वजह से इसके किताबी रूप को बंद किया जा रहा है. ब्रिटैनिका इंक के अध्यक्ष जॉर्ज काउज का कहना है, "गूगल या विकीपीडिया से इसका कोई लेना देना नहीं. सच्चाई तो यह है कि ब्रिटैनिका अपनी डिजिटल चीजों को भारी तादाद में बेच रहा है. कागजी संस्करणों की कमी बहुत ज्यादा घट कर न के बराबर रह गई है."

रिपोर्टः एपी/एएफपी/एन रंजन

संपादनः आभा एम