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गुर्जर मामले पर समझौते के संकेत

२८ जुलाई २००९

आरक्षण की मांग को लेकर संघर्षरत गुर्जर नेताओं और राजस्थान सरकार के बीच हुई बातचीत के अच्छे संकेत मिले हैं. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोडी सिंह बैंसला और राज्य सरकार के बीच हुई बातचीत सकारात्मक रही है.

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तस्वीर: AP

गुर्जरों तथा अन्य पिछडी जातियों को पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण देने के मुद्दे पर दोनों पक्षों में आम राय बन गयी है

कर्नल बैंसला ने बैठक के बाद बताया कि बुधवार को दूसरे दौर की निर्णायक बातचीत होगी जिसके बाद ही पैन्चला मोड़ पर गुर्जरों द्वारा दिए जा रहे महा पड़ाव को समाप्त किया जायेगा.

उधर राज्यपाल एस. के.सिंह ने भी सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता से इस मामले में आ रही कानूनी अडचनों के बारे में चर्चा की है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बातचीत को सफल बताया है और कहा है की वे स्वर्ण पिछडों को १४ और गुर्जरों को पांच फीसदी विशेष आरक्षण देने पर सहमत है पर इस के लिए कानूनी पेचीदगियों को दूर किया जाना भी ज़रुरी है .गहलोत ने बताया कि गुर्जरों को पांच प्रतिशत विशेष आरक्षण देने के मामले में कानूनी राय ली जा रही है।

बैठक में पिछले गोलीकांड में मारे गए लोगो के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने और लालसोट काण्ड की जांच सीबीआई से कराने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

उधर करौली जिले के पेंचला मोड़ पर भीड़ बढ़ने से महापड़ाव का आकार दोगुना हो गया है और भीड़ बढ़ने के बाद पुलिस बल और अर्द्धसैन्य बलों की संख्या बढ़ा कर करीब दस हज़ार कर दी गई है।

हालांकि बातचीत तो दोनों पक्षों में हो गयी है पर मूल समस्या जस की तस है कि कैसे इस मामले कि कानूनी अड़चनों को दूर किया जाये.

इस संबध में पिछली विधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित बिल पिछले एक साल से इसी कारण से राज्यपाल के पास अटका पड़ा है.

लेकिन अब इस मामले का सबसे अच्छा पक्ष यह है कि गुर्जरों के आन्दोलन पर उतरते ही सरकार उन्हें बातचीत के लिए राजी कर काफी हद तक समझा भी सकी है.

न सिर्फ राजस्थान के लोग वरन पूरे देश वासी पिछले दो गुर्जर आन्दोलनों में मारे गए सत्तर से ज्यादा गुर्जरों और करोडों रूपये की संपत्ति के नुकसान को अभी भूले नहीं हैं.


रिपोर्ट- जसविंदर सहगल, जयपुर से

संपादन- एस जोशी