गुर्जर आन्दोलन का अल्टीमेटम
२७ जुलाई २००९अपने लिए पांच फीसदी आरक्षण मांग रहे गुर्जर समुदाय ने रविवार को राजस्थान के हिंडौन कस्बे में महापंचायत की. इस महापंचायत के दौरान गुर्जर संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने राज्य सरकार को साफ साफ अल्टीमेटम देते हुए कई बातें कहीं. महापंचायत को संबोधित करते हुए बैंसला ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरक्षण लागू करवाने की प्रक्रिया शुरू करते हैं तो प्रदर्शनकारी अपने घरों को लौट जाएंगे. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो आंदोलन होगा.
बैंसला ने धमकी दी है कि अगर राजस्थान सरकार राज्य में शांति चाहती है तो विधेयक पर तत्काल दस्तख़त करवाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर इशारा करते हुए गुर्जर आंदोलन के प्रमुख नेता ने कहा कि अगर सोमवार शाम तक हल नहीं निकला तो इसके बाद जो कुछ भी होगा उसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे.
दरअसल आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय के लोग पहले भी दो बार आंदोलन छे़ड़ चुके हैं. तब राज्य में बीजेपी की सरकार थी. बीजेपी सरकार ने बीते साल ही गुर्जरों को आरक्षण देने का एलान करते हुए इस बारे में विधेयक पारित किया था. गुर्जर अब इसी विधेयक को लागू करने की मांग कर रहे हैं.
गुर्जरों की यह भी मांग है कि 2006 से अब तक गुर्जर आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे भी रद्द किए जाए. गुर्जर दो बार बड़े पैमाने पर आंदोलन कर चुके हैं. उन आंदोलनों के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई और जान माल का भारी नुकसान भी हुआ.
इस बार भी महापंचायत ने एक बार फिर राजस्थान सरकार को चिंता में डाल दिया है. पहली बार गुर्जर समुदाय की चेतावनी का सामना कर रही राज्य की कांग्रेस सरकार ने फिलहाल इस महापंचायत को गैरकानूनी क़रार दिया है. लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिंडौन के आस पास पुलिस एवं अर्द्धसैन्य बलों की दर्जनों कंपनियां तैनात कर दी गईं हैं. गुर्जर बहुल बाले कुछ जिलों में धारा 144 लगा दी गई है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा