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गुरुत्व तरंगों ने खोले खगोलविद्या के नए रास्ते

१२ फ़रवरी २०१६

आइंस्टाइन के सापेक्षता के सिद्धांत की खोज के 100 साल बाद वैज्ञानिकों ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों की अहम खोज की है. अब इंसान को ब्रह्मांड के रहस्यों के बारे में पता चल पाएगा. यह तरंगे प्रकाशीय तरंगों से पूरी तरह भिन्न है.

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Deutschland Max-Planck-Institut Gravitationswellen
तस्वीर: S. Ossokine/A. Buonanno/Max-Planck-Institut für Gravitationsphysik/W. Benger/Airborne Hydro Mapping GmbH/dpa"

वाशिंग्टन में दुनिया भर के चोटी के वैज्ञानिकों का ऐसा जमावड़ा लगा जो पहले कभी नहीं देखा गया था. हालांकि खबर पहले ही लीक हो गई थी और कुछ महीनों से वैज्ञानिकों के तबकों में इस पर अटकलें चल रही थीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रोमांच स्पष्ट था. गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज, जिसे कई बार स्पेसटाइम में हलचल बताया जाता है, को वैज्ञानिकों ने ऐतिहासिक घटना बताया है. दुनिया भर के सैकड़ों वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस काम को नोबेल पुरस्कार के लायक बताया जा रहा है.

इन तरंगों का सबसे पहले पता पिछले साल सितंबर में चला. इसे लीगो नाम के प्रयोग के द्वारा खोजा गया. न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज के बाद इस दिशा में बेहद अहम शोध है. एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वैज्ञानिकों ने कहा कि आइंस्टाइन के लगभग सभी सिद्धांत प्रयोगों के द्वारा सत्यापित हो चुके थे, सिर्फ एक सिद्धांत का प्रयोगों द्वारा सत्यापन नहीं हो पाया था. वैज्ञानिकों ने इन गुरूत्व तरंगों को साबित कर दिया.

Deutschland Max-Planck-Institut Gravitationswellen
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Hanschke

प्रयोग बहुत सीधा सादा था. अमेरिका में दो श्रवण केंद्रों ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता किया और दोनों ने उसकी पुष्टि की जो उन्होंने सुना था. इसकी अवधि सेंकड का कुछ हिस्सा मात्र थी और वजह 1.3 अरब साल पहले दो ब्लैक होल में हुआ संलयन था. नतीजा यह हुआ है कि अब वैज्ञानिकों के पास ब्रह्मांड का अध्ययन करने के एकदम नए रास्ते हैं. कैलिफोर्निया के कैलटेक में गुरुत्वाकर्षण ऑब्जरवेटरी लीगो के प्रमुख डेविड राइत्से ने कहा, "चार सौ साल पहले गैलीलियो ने टेलिस्कोप को आकाश की ओर घुमा कर आधुनिक खगोलशास्त्र का नया काल शुरू किया था. मैं समझता हूं कि आज हम यहां वैसा ही कुछ कर रहे हैं. हम गुरुत्वाकर्षणीय तरंगों वाले खगोलशास्त्र की खिड़की खोल रहे हैं."

आइनस्टाइन ने अपने सिद्धांत में समझाया था कि ये लहरें या तो तालाब में पत्थर फेंकने से उठी लहरों की तरह दिख सकती हैं या एक कसी हुई जाली की तरह जो कि उस पर रखे गए भार से झुकी हुई है. इसमें जाली को दिक् और काल के झुकाव के बतौर बताया गया है. इन तरंगों का गुणधर्म प्रकाशीय तरंगों के गुणधर्म से बिलकुल अलग है. लेजर इंटरफर्मेटर ग्रेविटेशनल वेब ऑब्जरवेटरी ग्रेविटेशन वेब का पता लगाने के लिए किया जा रहा एक प्रयोग है. 1992 में शुरू हुए शोध की सफलता अब सामने आई है. दुनिया भर से इससे 900 वैज्ञानिक जुड़े हुए हैं.

Illustration gekrümmter Raum Gravitationswellen
तस्वीर: picture-alliance/Wissen Media Verlag

कैलटेक के प्रोफेसर किप थॉर्न ने कहा कि गुरुत्वाकर्षण तंरगों की खोज से हमें पता चला है कि स्पेस टाइम अत्यंत विकृत स्थिति में किस तरह का बर्ताव करता है. लीगो की प्रवक्ता गाब्रिएला गोंजालेस ने इस प्रेरणादायक विज्ञान बताते हुए कहा कि इस पर खर्च करना फायदेमंद है क्योंकि यह दूसरे उद्योगों को बेहतरी लाने के लिए बाध्य करता है. इसके अलावा यह सबको आकाश की ओर देखते रहने को प्रेरित करेगा.

आरजे/एमजे (डीपीए)