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गंभीर सिनेमा चाहिए: अमिताभ के बदले तेवर

२२ नवम्बर २००९

हिंदी फ़िल्मों के सुपरस्टार और शहंशाह कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन का कहना है कि बॉलीवुड को अब लटकों-झटकों और गानों से आगे सोचने की ज़रुरत है. बिग बी ने सार्थक सिनेमा की वकालत की है.

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अमिताभ बच्चन की नई सलाहतस्वीर: AP

चार दशकों से मुख्यधारा के हिंदी सिनेमा के लीडर अमिताभ ने एक अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन के साथ बातचीत में बॉलीवुड कही जाने वाली हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री को आगे का रास्ता दिखाने की कोशिश की. अमिताभ बच्चन अब मान रहे हैं कि सार्थक और अर्थपूर्ण सिनेमा अलग है और व्यवसायिक यानी कमर्शियल सिनेमा अलग. उन्होंने कहा कि अब लोग मनोरंजन का सर्वश्रेष्ठ साधन चुन सकते हैं. भारतीय अब पश्चिमी टीवी और सिनेमा के बारे में जानने लगे हैं. ऐसे में उन्हें भी उम्मीद रहती है कि भारतीय फ़िल्में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की हों.

Filmplakat des neuen Bollywoodfilms Aladin Flash-Galerie
चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं अमिताभ, अलादीन का पोस्टरतस्वीर: EROS Verleih

बिग बी से संबोधित अमिताभ के मुताबिक, ''तकनीक की वजह से आप तुरंत दुनिया के दूसरे हिस्सों में मनोरंजन के क्षेत्र में क्या हो रहा है ये देख सकते हैं.'' वो कहते हैं कि हाल के सालों में बॉलीवुड बदला है और आम लोग भी इसे समझ और परख रहे हैं. उनका कहना है कि परंपरागत प्रेम कहानियों की जगह अब फ़िल्में गंभीर मुद्दों पर बनने लगी हैं. बिग बी के मुताबिक बॉलीवुड अब भारत या एशिया तक नहीं रह गया है.

कभी 70 और 80 के दशक में एंग्री यंग मैन से लेकर बांके छैले के कई किरदार में दिखाई देने वाले बिग बी अब उम्रदराज़ होकर कहते हैं, ''हम भी अलग किस्म की फ़िल्में बनाना चाहते हैं. मुझे लगता है कि हाल के समय में बहुत ज़्यादा सफल न हुई फिल्मों का अगर ट्रेंड देखें तो इशारा मिलता है कि भारतीय अब परंपरागत व्यावसायिक फिल्मों से दूर होकर अर्थपूर्ण सिनेमा की तलाश कर रहे हैं.''

Indischer Filmschauspieler Amitabh Bachchan
अब कुछ नया चाहिएतस्वीर: UNI

इस दौरान बिग बी अपनी नई फ़िल्म पा का प्रचार करने से भी नहीं चूके. लगे हाथ उन्होंने कह दिया कि पा में वह एक उम्र की बीमारी से जूझ रहे बच्चे की भूमिका कर रहे हैं. यह बच्चा अपने पिता से भी बड़ी उम्र का लगता है. बिग बी कहते हैं कि इस फ़िल्म के ज़रिए पता चल जाएगा कि बॉलीवुड में इस तरह की फ़िल्में भी बन सकती है. इस दौरान जब उनसे यह पूछा गया कि अगर हॉलीवुड की किसी बेहतरीन फ़िल्म का रोल उन्हें मिला तो वो क्या करेंगे. इसके जवाब में अमिताभ बच्चन ने मुस्कुराते हुए कहा, ''मुझे नहीं लगता कि मेरी अदाकारी में गज़ब की विविधता हैं. हां अगर कोई दिलचस्प रोल मिला तो मैं उसके बारे में सोचूंगा.''

अमिताभ अभी तक बॉलीवुड में बनाई जा रही तमाम फ़िल्मों के बारे में किसी तरह की टिप्पणी करने से बचते रहे हैं. उल्टा उनका मानना है कि हिंदी का मेनस्ट्रीम सिनेमा हॉलीवुड की टक्कर का है. लेकिन अब उन्होंने जिस तरह से कमर्शियल फ़िल्मों और सार्थक फ़िल्मों का अंतर साफ़ किया है उससे लगता है कि अमिताभ अभिनय की दुनिया में इतने साल बाद अब शायद एक नई और सार्थक ज़मीन की तलाश कर रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस जोशी