खूबसूरती की मिसाल हैं ये फव्वारे
पानी के फव्वारे और झरने इंसान को हमेशा आकर्षित करते हैं. एक नजर यूरोप के खूबसूरत फव्वारों पर.
द जायंट, वाटेंस
यह ऑस्ट्रिया के मुख्य आकर्षणों में से एक है. वाटेंस का यह कोई जादुई पेटिंग सा लगता है. झरने को मल्टीमीडिया आर्टिस्ट आंद्रे हेलर ने बनाया है.
ट्रेवी फाउंटेन, रोम
कहावत है कि इस फव्वारे में जो भी सिक्का फेंकता है, वो लौटकर रोम जरूर आता है. लाखों सैलानी हर साल ऐसा करते हैं. इस फव्वारे से हर साल 10 लाख यूरो निकलते हैं. यह फव्वारा फिल्म निर्माताओं के बीच भी काफी लोकप्रिय है.
ट्रैफल्गर स्क्वेयर, लंदन
1939 में रॉयल नेवी के दो एडमिरलों की याद में यह फव्वारा बनाया गया. लंदन के ज्यादातर लोगों के लिए यह चौक शहर का केंद्र है. आम तौर पर सैलानी और स्थानीय लोग यहीं मुलाकात करते हैं.
फाउंटेन ऑफ वॉरसा, पेरिस
आइफेल टावर के पास 20 ताकतवर मुहानों वाला फव्वारा. नियमित अंतराल पर यह फव्वारा आइफेल टावर की तरफ 50 मीटर लंबी पानी की धार छोड़ता है. गर्मियों में इसकी फुहारें तरोताजा कर देती हैं.
वॉटर गेम्स इन पीटरहोफ, सेंट पीटर्सबर्ग
रूस में सेंट पीटर्सबर्ग के पास 18वीं सदी में बनाया गया फव्वारा है. गर्मियों में हरियाली के बीच यह फव्वारा अद्भुत छठा बिखेरता है. हर दिन सुबह 11 बजे इसके 150 नोजल 30,000 लीटर पानी छोड़ते हैं.
मैजिक फाउंटेन ऑफ मंजुअक, बार्सिलोना
1929 में वर्ल्ड एक्जीबिशन के लिए बार्सिलोना में यह फाउंटेन बनाया गया. हर शाम लाइट और म्यूजिक के साथ इसकी फुहारें गजब का नजारा पेश करती है. फव्वारे की नोजलों से हर सेकेंड 2,000 लीटर पानी निकलता है.
जे दो, जेनेवा
यह फव्वारा 150 मीटर की ऊंचाई तक फुहारें छोड़ता है. असल में इसे पानी के प्रेशर को कम करने के लिए बनाया गया था. लेकिन प्रशासन को जब पता चला कि यह सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है तो फिर इसकी जगह बदली गई. पानी का दबाव भी बढ़ा दिया गया.
विल्हेल्मसहोहे बैर्गपार्क, कासेल
जर्मनी के कासेल शहर के पास के इस झरने को 2013 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर करार दिया. मई से लेकर अक्टूबर तक यह झरना बहता है. चट्टान से टकराकर पानी की बूंदें 50 मीटर तक उछलती हैं और आबोहवा को तरोताजा कर देती हैं.
टेप फाउंटेन, मेनोर्का
आकाश में धूलती एक बड़ी टोंटी. स्पेन के मेनोर्का द्वीप का यह झरना कुछ ऐसा ही दिखता है. जमीन से काफी ऊपर लटकी टोंटी से लगातार पानी के बुलबुले नीचे गिरते हैं. असल में टोंटी एक खंभे पर टिकी हुई है. खंभा पानी के बुलबुलों के चलते दिखाई नहीं पड़ता है.