खुशखबरी, सेहतमंद हो रही है ओजोन परत
अंटार्कटिक के ऊपर ओजोन परत का विशाल छेद धीरे धीरे सिमट रहा है. क्लोरोफ्लोरोकार्बन की मात्रा में भारी कमी से जीवनरक्षक परत सेहतमंद हो रही है.
अच्छे नतीजों का सबूत
अमेरिका के मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के मुताबिक बीते 16 साल में ओजोन परत काफी सेहतमंद हुई है. ओजोन परत का विशाल छेद भी सिकुड़कर छोटा हुआ है.
40,00,000 वर्ग किलोमीटर
वैज्ञानिकों का दावा है कि सन 2000 से अब तक ओजोन परत का छेद 40 लाख वर्गकिलोमीटर छोटा हुआ है. वातावरण वैज्ञानिक सुजैन सोलोमोन इसे बड़ा आश्चर्य मान रही हैं. साइंस पत्रिका से उन्होंने कहा, "मैंने नहीं सोचा था कि यह इतनी जल्दी होगा."
बदलाव का असर
बीते दिनों में क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) जैसे तत्वों की मांग में भारी कमी आई है. तीन दशक पहले तक CFC का इस्तेमाल ड्रायक्लीन, फ्रिज और स्प्रे जैसे प्रोडक्ट्स में खूब होता रहा. 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत ज्यादातर देशों ने CFC पर प्रतिबंध लगा दिया. इसका अच्छा असर अब ओजोन परत पर दिखाई पड़ रहा है.
चेतावनी के चार दशक
1970 के दशक में वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि पृथ्वी के ऊपर मौजूद ओजोन परत लगातार पतली होती जा रही है. CFC क्लोरीन गैस में बदलकर ओजोन को रासायनिक रूप से तोड़ रहा है.
क्या है ओजोन
ऑक्सीजन के तीन अणु मिलकर ओजोन बनाते हैं. ओजोन की परत धरती से 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर शुरू हो जाती है और 50 किलोमीटर ऊपर तक मौजूद रहती है और सूर्य की घातक किरणों से धरती की रक्षा करती है.
जीवनरक्षक ओजोन
ओजोन की परत इंसानों में कैंसर पैदा करने वाली सूरज की पराबैंगनी किरणों को रोकती है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ओजोन परत इस सदी के मध्य तक ही पूरी तरह ठीक हो सकेगी.