क्या होती है दिवाली की मूहर्त ट्रेडिंग
भारत में दिवाली शेयर कारोबारियों और निवेशकों के लिए सिर्फ पूजा-पाठ से जुड़ी नहीं होती, बल्कि इस खास मौके पर शेयर बाजार में मूहर्त ट्रेडिंग होती है. जानते हैं इस मूहर्त ट्रेडिंग की खास बातें.
मूहर्त ट्रेडिंग
दिवाली की शाम होने वाली इस ट्रेडिंग का समय आम तौर पर 60 से 75 मिनट तक का रखा जाता है ताकि निवेशक शेयर बाजार में पांरपरिक ट्रेडिंग कर सकें. हालांकि अब भारत में ऐसे पारंपरिक शेयर बाजार तो नहीं रहे लेकिन फिर भी शेयर बाजार में यह परंपरा बरकरार है.
क्यों करते हैं ट्रेडिंग
हिंदू मान्यताओं के अनुसार "मूहर्त" एक ऐसा शुभ समय होता है जब ग्रहों की दिशा अच्छी होती है और इस वक्त किये गये काम को नुकसान नहीं पहुंचता. इसी मान्यता के चलते दिवाली के दिन, कुछ समय के लिए शेयर बाजार में जमकर ट्रेडिंग की जाती है ताकि आगे पूरा साल बाजार सकारात्मक कारोबार करे.
गुजराती और मारवाड़ी
गुजराती और मारवाड़ी कारोबारियों के लिए दिवाली नये वित्त वर्ष की शुरुआत होती है. इस दिन कारोबारी पुराने बहीखाते हटाकर नए खातों को लिखना शुरू करते हैं क्योंकि दिवाली से ही नए संवत की शुरुआत होती है. भारत के शेयर बाजारों पर इन दोनों समुदायों का खासा दबदबा है.
कैसे रहते हैं बाजार
विशेषज्ञ मानते हैं कि मूहर्त ट्रेडिंग के अधिकतर सेशन सपाट होते हैं. अगर आप नये निवेशक हैं या शेयर बाजार में शुरुआत कर रहे हैं तो यह मौका अच्छा हो सकता है क्योंकि इस दिन बाजार में कम उतार-चढ़ाव नजर आता है लेकिन अगर आप मंजे हुए खिलाड़ी हैं और ज्यादा लाभ कमाने की उम्मीद कर रहें हैं तो शायद ऐसा न हो.
बाजार का रुख
आंकड़े बताते हैं कि इस दिन बाजार का झुकाव बेचने की बजाय खरीद पर अधिक होता है इसलिए अमूमन मूहर्त ट्रेडिंग पर बाजार सकारात्मक रुख पर बंद होता है, चाहे मार्जिन कम ही क्यों न हो.
आपके लिए क्यों खास
अगर आपका स्टॉक पोर्टफोलियो है तो आप मूहर्त ट्रेडिंग को नकार नहीं सकते. क्योंकि शेयर बाजार दिवाली के दिन बंद रहता है. ऐसे में मूहर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयरों की चाल, वैश्विक और घरेलू रुझानों को दिखाती है. पिछले कुछ सालों में विदेशी निवेशकों का भी रुझान इस ओर बढ़ा है.
रहें सावधान
इन सब के बावजूद शेयर कारोबारियों को ऐसे दावों और वादों से बचकर रहना चाहिये जहां इस सेशन में अपार लाभ की बात की जाये. इस सेशन में भी शेयरों को हमेशा सोच-समझकर ही खरीदना चाहिए न कि किसी अंधविश्वास के साथ. पुराने आंकड़े बताते हैं कि इस सेशन के कारोबार और रिटर्न में कोई सीधा संबंध नहीं है.