1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
कला

सोशल मीडिया ने बढ़ायी लिखने की चाह

१० अप्रैल २०१७

लोगों में अपने विचारों को लिखकर जाहिर करने का शौक बढ़ रहा है. यही कारण है कि अमेरिकी कॉलेजों में इन दिनों क्रिएटिव राइटिंग जैसे कोर्स अधिक पसंद किये जा रहे हैं. इनकी संख्या भी लगातार बढ़ रही है.

https://p.dw.com/p/2aspM
Symbolbild Beschriftung Zettel Deutsch lernen
तस्वीर: imago/blickwinkel

अमेरिकी कॉलेज अब अपने आर्ट कोर्सेज में लेखन से जुड़े अधिक से अधिक कार्यक्रमों को शामिल कर रहे हैं. पहले ऐसे कोर्स को पसंद करने वालों की तादात काफी कम थी. लेकिन अब इनके प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है. वहीं साइंस और तकनीक के क्षेत्र में लोगों की रूचि घट रही है. इस बढ़ती रुचि का श्रेय कुछ हद तक सोशल मीडिया को भी दिया जा रहा है. 

इंडस्ट्री ग्रुप एसोसिएशन ऑफ राइटर्स ऐंड राइटिंग प्रोग्राम (AWP) के मुताबिक साल 1975 में कुल मिलाकर तीन स्कूल और कॉलेज राइटिंग कोर्स में स्नातक डिग्री देते थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 733 तक पहुंच गई है. लेकिन सवाल यह उठता है कि स्नातक की डिग्री के बाद ये क्या करेंगे?

न्यू जर्सी की मोंटक्लेर स्टेट यूनिवर्सिटी में क्रिएटिव राइटिंग प्रोग्राम के डायरेक्टर डेविड गालेफ के मुताबिक अधिकतर छात्र जानते हैं कि इस कोर्स के बाद अन्य करियरों की तरह उनका करियर नहीं होगा. इसलिये कुछ लोग पब्लिक रिलेशंस, विज्ञापन और इससे जुड़े क्षेत्रों में काम करने लगते है और कुछ पेशेवर लेखन में जाते हैं. 46 वर्षीय गिल मोरीनो ने बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातक डिग्री लेने के सालों बाद मोंटक्लेर के इस राइटिंग कोर्स में दाखिला लिया. वह लेखक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते थे. गिल कहते हैं कि अगर मैं लेखन को पेशेवर तरीके से नहीं अपना सका, तब भी मैं इपने लिए लेखन से खुद को जोड़ना चाहूंगा. AWP के मुताबिक क्रिएटिव राइटिंग प्रोग्राम में तेजी साफ तौर पर नजर आ रही है. साल 2008 में ऐसे महज 161 संस्थान थे, जो साल 2013 में बढ़कर 592 तक हो गये.

हालांकि कुछ अंग्रेजी विभागों में इस बूम के चलते क्रिएटिव राइटिंग और साहित्य पर जोर देने वालों के बीच टेंशन भी पैदा हो रही है. येल यूनिवर्सिटी का अंग्रेजी विभाग मानता है कि उनका पाठ्यक्रम अपने आप में अलग है क्योंकि यहां कोर्स में दाखिले के लिये संबंधित विषय की वर्तमान जानकारी भी आवश्यक होती है. प्रोफेसर लेस्ली ब्रिसमेन कहते हैं कि हम क्रिएटिविटी के पक्ष में हैं लेकिन अज्ञानता के नहीं और यही विवाद का कारण भी है क्योंकि अधिकतर छात्र स्वयं के बारे में लिखना चाहते हैं.

पिछले पांच सालों में येल यूनिवर्सिटी के क्रिएटिव राइटिंग कोर्स दोगुने हो गये हैं जिस पर विशेषज्ञों को संदेह भी हैं. कोर्स डायेरक्टर रिचर्ड डीमिंग को संदेह हैं कि यह शौक कहीं न कहीं सोशल मीडिया के चलते अधिक बढ़ रहा है. AWP के डायरेक्टर डेविड फेंजा इसे कल्चरल डिसकनैक्ट से जोड़ते हैं और उन्हें लगता है कि अब लोग विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि से आते हैं और इसीलिये उनमें भी स्वयं को जाहिर करने की इच्छाशक्ति बढ़ी है.

एए/आरपी (एपी)