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कोरियाई मोर्चे पर बारूद का धुआं

२३ नवम्बर २०१०

उत्तर कोरिया के यूरेनियम संयंत्र पर विवाद के बीच अब उत्तर और दक्षिण कोरियाई समुद्री सीमा पर गोलाबारी के चलते अचानक इस प्रायद्वीप का तनाव एक नए शिखर तक पहुंच गया है.

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तस्वीर: AP

सीओल के सैनिक सूत्रों और समाचार साधनों ने कहा है कि आज मंगलवार को उत्तर कोरिया ने एक दक्षिण कोरियाई द्वीप पर तोपखानों से दर्जनों गोले फेंके. कुछ भवनों में आग लग गई. दक्षिण कोरिया के तोपखानों ने जवाबी गोलाबारी की. प्रायद्वीप के पश्चिमी तट के पास स्थित द्वीप येओनपीओंग दोनों देशों के बीच विवादित सीमा क्षेत्र में है. गोलाबारी के बाद वहां से असैनिक नागरिकों को हटा लिया गया है. लगभग एक घंटे तक दोनों पक्षों की ओर से गोलाबारी हुई, जिसे पिछले कई वर्षों की सबसे घमासान झड़प कहा जा रहा है. वैसे जिस तेजी के साथ गोलाबारी शुरू हुई थी, उसी तरह अचानक वह बंद भी हो गई.

दक्षिण कोरियाई सूत्रों के अनुसार इस झड़प में एक नौसैनिक की मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके अलावा प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 60 से 70 मकानों में आग लग गई है और चारों ओर धुएं के बादल दिख रहे हैं.

यह झड़प ऐसे समय में हुई है, जब हाल ही में खबर आई थी कि उत्तर कोरिया की ओर से यूरेनियम का संवर्धन जारी है, जो उसे परमाणु हथियारों के लिए सामग्री प्रदान करेगा. इन खबरों के बाद अमेरिका के एक विशेष दूत इस क्षेत्र के देशों की यात्रा कर रहे हैं. उत्तर कोरिया का कहना है कि वह दो साल पहले स्थगित 6 पक्षों की वार्ता फिर से शुरू करने के पक्ष में है. लेकिन सीओल और वाशिंगटन की मांग है कि उत्तर कोरिया सबसे पहले पिछले दौर में किए गए वादों को पूरा करे. बीजिंग विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर जू फेंग का मानना है कि शायद वार्ता के लिए दबाव के साधन के रूप में ये हमले किए गए हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एन रंजन