कोटला में मैच रोकना सही क़दम: गंभीर
२९ दिसम्बर २००९दिल्ली एवं ज़िला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) का कहना है कि कोटला से भी ज़्यादा ख़राब पिचों पर मैच खेले गए हैं. डीडीसीए की राय में मैच रेफ़री एलन हर्स्ट को दूसरे ट्रैक पर मैच कराने के सुझाव पर भी विचार करना चाहिए था लेकिन गौतम गंभीर हर्स्ट के फ़ैसले से इत्तफ़ाक़ रखते हैं.
"मुझे लगता है कि मैच रेफ़री ने सही किया. उन्होंने फ़ैसला सोच समझकर ही किया होगा. कोटला पिच एकदिवसीय अतंरराष्ट्रीय मैच कराने के लायक नहीं थी." गंभीर को सीग्रैम्स रॉयल स्टैग मेगा क्रिकेट का ब्रांड एम्बैसडर चुना गया है और इस अवसर पर वह पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे.
श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ के पांचवे और आख़िरी मैच में भारत 3-1 की अजेय बढ़त के साथ दिल्ली में खेलने उतरा था. लेकिन पिच पर असमान और ख़तरनाक उछाल के चलते 24वें ओवर में ही मैच रद्द कर दिया गया था.
मैच जारी रखने के डीडीसीए के दावे को ख़ारिज करते हुए गंभीर ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि मैच क्यों रोका गया था. "अगर विकेट सही होती तो रविवार को निश्चित रूप से पूरा मैच खेला जाता. यह शर्मसार करने वाली स्थिति थी. आम तौर पर ऐसा नहीं होता लेकिन किसी को खड़े होकर अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए." गंभीर को उम्मीद थी कि अगर मैच नहीं रूकता तो भारत जीत के साथ यह साल ख़त्म करता.
गंभीर की राय डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान की राय की बिलकुल विपरीत है जिसमें वह कह रहे हैं कि श्रीलंका को अपनी हार तय नज़र आ रही थी और इसीलिए टीम ने हार से बचने के लिए मैच छोड़ दिया. चौहान ने हर्स्ट को भी लपेटे में लिया है और कहा है कि मैच पूरा कराने के लिए उन्होंने ईमानदार क़ोशिश नहीं की.
मैच रेफ़री की रिपोर्ट के बाद आईसीसी ने बीसीसीआई से इस मामले में दो हफ़्तों के भीतर जवाब तलब किया है. दिल्ली में मैच होने पर दो साल की पाबंदी की तलवार लटक रही है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एस जोशी