कॉलेज से निकलकर राजनीति में छाए
बात जेएनयू की हो, डीयू की या अन्य किसी यूनिवर्सिटी की, छात्र राजनीति हाल के सालों में बहुत चर्चा में रही है. डालते हैं एक नजर उन लोगों पर जिन्होंने छात्र राजनीति से शुरूआत कर मुख्यधारा की राजनीति में अहम मुकाम बनाया.
अरुण जेटली
मौजूदा केंद्रीय वित्त मंत्री और पेशे से वकील अरुण जेटली 70 के दशक में दिल्ली विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता रहे. साल 1974 में वह विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये थे.
लालू प्रसाद यादव
तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने अपने छात्र जीवन की शुरुआत पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ के महासचिव के तौर पर की थी. बाद में वह छात्र संघ के अध्यक्ष बने. ये जयप्रकाश नारायण के आंदोलन के दौरान बनी बिहार छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष भी रहे.
वेकैंया नायडू
साल 1973-74 में नायडू आंध्र विश्वविद्यालय के कॉलेजों के छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक छात्र नेता के रूप में इन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की.
नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी छात्र जीवन से राजनीतिक क्षेत्र में खासे सक्रिय रहे. बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे नीतीश ने जेपी आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया.
सीताराम येचुरी
सीपीएम के नेता येचुरी साल 1974 में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुये थे. जेएनयू का छात्र रहते हुए येचुरी को आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किया गया था. साल 1977-78 में येचुरी को जेएनयू छात्र संघ का नेता चुना गया.
प्रकाश करात
वामपंथी नेता करात जेएनयू में एसएफआई के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. करात जेनएनयू छात्र संघ के तीसरे अध्यक्ष बने थे. प्रकाश करात बाद में सीपीएम के महासचिव भी बने.
अनंत कुमार
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार 1975 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा देश में आपातकाल लागू किए जाने के बाद छात्र राजनीति में सक्रिय हुए. वह छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राज्य सचिव और राष्ट्रीय सचिव जैसे कई पदों पर काम कर चुके हैं.
अजय माकन
साल 1985 में माकन दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के अध्यक्ष चुने गए. उस वक्त माकन बीएससी फाइनल ईयर के छात्र थे. कहा जाता है कि अपने चाचा ललित माकन की हत्या के बाद उपजी सहानभूति लहर का लाभ माकन को चुनावों में हुआ था.
रविशंकर प्रसाद
प्रसाद ने आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में बिहार में छात्र आंदोलन का हिस्सा रहे और जेल भी गए. वह पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव और विश्वविद्यालय की सीनेट तथा वित्त समिति, कला और विधि संकाय के सदस्य रह चुके हैं.
मनोज सिन्हा
केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेल राज्य मंत्री एवं संचार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद संभाल रहे सिन्हा साल 1982 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये थे. तस्वीर में केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ के साथ मनोज सिन्हा